प्रचंड बहुमत से सरकार बनाने वाली बीजेपी केंद्र सरकार की हर योजना पर काम करने के लिए तत्पर है। इसी कड़ी में आगे बढ़ते हुए रावत सरकार आने वाली 8 जून को सदन में ई-बजट पेश करेगी। जी हां, इस साल यह बजट कागजों की भारी भरकम फाइलों में ना होकर एक छोटी सी पेनड्राइव में होगा जिससे कागज की बचत हो सके। बजट डाॅक्यूमेंट छापने औऱ वितरण से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि बजट की काॅपियां विधायकों और अधिकारियों के लिये छपती हैं। लेकिन मीडिया और अन्य लोगों के देने के लिये इसकी काॅपियां बनाई जाती हैं। जिसमें न सिर्फ बहुत काजग बर्बाद होता है बल्कि काफी समय भी ज़ाया हो जाता है। इस कवायद से बचने के लिये इस बार बजट को वित्रण के लिये ई-बजट की तरह पेश किया जायेगा। इसके लिये या तो विभाग पेन ड्राइव में बजट की साॅफ्ट काॅपी मुहैया करायेगा या सीघे आपके मेल पर इसकी एक काॅपी भेज दी जायेगी।
आपको बता दें कि मोदी सरकार का पहला मकसद देश को डिजिटल बनाना है और उसके लिए आए दिन सरकार अलग-अलग योजनाएं सामने लेकर आ रही हैं। हर साल बजट को पेश करने में भारी भरकम फाइलों और हजारों पन्नों का इस्तेमाल होता है लेकिन इस बार प्रशासन ने बदलाव किए हैं।
संसदीय कार्य, विधायी एवं वित्त मंत्री प्रकाश पंत ने बताया कि बजट सत्र के दौरान बजट प्रावधानों की प्रकाशित प्रति इस बार प्रयोग नहीं की जाएंगी। सदन के सदस्यों को पेन ड्राइव में बजट प्रावधान प्रदान किए जाएंगे। हालांकि, इसके साथ ही उन्हें बजट के प्रमुख प्रावधानों की छोटी पुस्तिका प्रदान की जाएगी। इसमें विस्तृत बजट प्रावधानों के बजाय केवल प्रमुख बिंदु ही दिए जाएंगे।
वहीं, अन्य लोगों के लिए बजट ई-फार्म में वेबसाइट पर उपलब्ध रहेगा। उन्होंने कहा कि इससे मुद्रण और प्रकाशन पर खर्च होने वाली लाखों रुपये की राशि भी बचेगी। साथ ही कागज के कम इस्तेमाल की पहल होगी।
हिमाचल प्रदेश की तर्ज पर राज्य के विधानसभा को ई-विधान सभा बनाए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि इस ओर भी प्रयास जारी हैं। जल्द इसके परिणाम सामने आएंगे।