स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर उत्तराखंड के राज्यपाल डॉ कृष्ण कांत पॉल ने प्रदेश वासियों के नाम संदेश दिया। उन्होंने राज्य को सुविधा संपन्न बनाने और राज्य को बेहतर दिशा देने में युवाओं को ज्यादा से ज्यादा भगीदारी करने का आह्वान किया।
डॉ पॉल ने कहा कि क्रांतिकारियों का बलिदान था, जिससे 15 अगस्त 1947 को स्वतंत्र भारत का उदय हुआ। प. जवाहर लाल नेहरू ने देश को एक दिशा दी और विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र की मजबूत नींव रखी। सरदार पटेल ने हमें एकता के सूत्र में पिरोया और बाबा साहब अम्बेडकर ने महान और आदर्श संविधान दिया। उन्होंने कहा कि महापुरुषों के योगदान और बलिदान की ही देन है कि आज देश एकजुट होकर विकास की ओर अग्रसर है। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद देश ने कृषि, उद्योग, सूचना प्रौद्योगिकी, संचार, अंतरिक्ष विज्ञान, सैन्य शक्ति सहित विभिन्न क्षेत्रों में ऊंचा मुकाम हासिल किया है। हमारी अर्थव्यवस्था सबसे तेज गति से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। जहां हमने कई उपलब्धियां हासिल की हैं, वहीं बहुत सी चुनौतियां भी हैं। विकास का लाभ गरीबों, वंचितों, किसानों तक पहुंचाना है। सच्चे मायनों में विकास के लिए शहर-गांव, उद्योग-खेती के बीच के गैप को दूर करना होगा। इस दिशा में सरकार द्वारा अनेक महत्वपूर्ण पहल की गई है लेकिन हमारा लक्ष्य पहाड़ के गांवों को आर्थिक दृष्टि से उन्नत बनाना अब भी दूर है और इसके लिए प्रयास करने की जरूरत है।
राज्यपाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘मन की बात’ के माध्यम से हर आयु, वर्ग, क्षेत्र के लोगों के दिलों में राष्ट्र निर्माण में भागीदारी का दृढ़ निश्चय पैदा किया है। छोटी-छोटी बातों पर ध्यान देकर राष्ट्र निर्माण में बड़ा योगदान किया जा सकता है। नए भारत के निर्माण के लिए मेक इन इंडिया, स्किल इंडिया व डिजिटल इंडिया के माध्यम से जन-अभियान प्रारम्भ किया गया है। इस नए प्रगतिशील भारत में उत्तराखंड को अपनी महत्वपूर्ण भागीदारी निभानी है। राज्य में हमारे सामने बड़ी चुनौती, दुर्गम व दूर-दराज के इलाकों में बुनियादी सुविधाओं का विकास करना है। शिक्षा, स्वास्थ्य व पर्वतीय कृषि पर विशेष ध्यान देना होगा। राज्य सरकार गंभीरता से इस दिशा में काम कर रही है।
शिक्षा की अहमियत बताते हुए उन्होंने कहा कि शिक्षा एक शक्तिशाली अस्त्र है, जिससे सामाजिक व आर्थिक परिवर्तन लाए जा सकते हैं। क्वांटिटी एजुकेशन की बजाय क्वालिटी एजुकेशन पर बल देना होगा। हमारी शिक्षा व्यवस्था ऐसी हो जो छात्रों को प्रेक्टीकल नॉलेज दे और उनमें स्किल डवलपमेंट करे। काॅलेज व विश्वविद्यालय, आधुनिक मांग के अनुसार रोजगारपरक कोर्स संचालित करें। हमें उत्तराखंड को शिक्षा का सबसे उत्तम केंद्र बनाने की ओर प्रयास करने होंगे।
युवाओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि किसी भी देश व समाज की शक्ति वहां के यूथ में निहीत होती है। राष्ट्र निर्माण में आप सभी का सक्रिय सहयोग जरूरी है। प्रदेश के युवा बहुत प्रतिभावान हैं। उन्होंने युवाओं से राष्ट्रीय स्वच्छता मिशन, डिजिटल इंडिया, स्किल डेवलेपमेंट, स्टार्ट अप व मेक इन इंडिया कार्यक्रमों से जुड़कर देश के विकास में अपनेसामर्थ्य व अपनी प्रतिभा का उपयोग करने का आह्वान किया।
राज्यपाल डॉ पॉल ने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों से अगर पलायन को रोकना है तो सबसे पहले चिकित्सा सुविधाओं की उपलब्धता करना होगा। नीतिगत निर्णय लेते हुए हाल ही में मैदानी क्षेत्रों से बड़ी संख्या में डाॅक्टर पर्वतीय क्षेत्रों में नियुक्त किए गए हैं। आर्मी के रिटायर्ड डाॅक्टरों की सेवाएं लिए जाने पर भी सहमति बनी है। टेली-रेडियोलाॅजी भी शुरू की जा रही है। जो निश्चित रूप से पहाड़ में स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूती प्रदान करेगा। ग्रामीण क्षेत्रों की अर्थव्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए कृषि और बागवानी को आजीविका से जोड़ने की बात कही। ग्रामीण युवाओं व महिलाओं के कौशल विकास की ओर अधिक प्रयास करने की भी जरूरत बताई। पहाड़ी क्षेत्रों पर बढ़ रही सड़क दुर्घटनाओं को लेकर चिंता व्यक्त करते हुए उन्होंने बेहतर क्वालिटी की सड़कों का निर्माण व उनका समुचित रखरखाव की जरूरत बताई। ओवर लोडिंग, ओवर स्पीड, नशे में ड्राइविंग, अनफिट वाहनों पर रोक लगाने के लिए विभागों को गंभीर होने की बात कही।
राज्यपाल ने कहा कि यह खुशी की बात है कि प्रदेश का ग्रामीण क्षेत्र पूरी तरह से ओडीएफ किया जा चुका है। अब शहरी क्षेत्रों की स्वच्छता पर ध्यान देना है। हाल ही में स्वच्छता सर्वे में राज्य के शहरी क्षेत्रों को संतोषजनक रैंकिंग नहीं मिली है। राज्य सरकार ने एक वर्ष में देहरादून, हल्द्वानी आदि शहरों की स्वच्छता रैंकिंग में सुधार लाने का लक्ष्य रखा है। हम सभी को सभ्य नागरिक की जिम्मेदारी को समझते हुए इसमें भागीदारी निभानी होगी। देहरादून का चयन स्मार्ट सिटी के लिए भी किया गया है। इसलिए देहरादून वासियों का दायित्व और भी बढ़ जाता है। उन्होंने सरहदों पर सीमा की सुरक्षा कर रहे वीर सैनिकों के बलिदान को याद रखते हुए आने वाली पीढ़ी को प्रेरणा लेने की अपील की।
पांच साल बाद हम आजादी की 75 वीं वर्षगांठ मनाएंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2019 तक पूर्ण साक्षरता, वर्ष 2022 तक सबको आवास व किसानों की आय दुगुनी करने का लक्ष्य रखा है। हम सभी मिल-जुलकर ईमानदारी से कोशिश करें तो आजादी के 75 वर्ष बाद का भारत, ऐसा भारत होगा जहां सभी की बुनियादी जरूरतें पूरी होंगी, सभी को आगे बढ़ने के तमाम अवसर और साधन उपलब्ध होंगे। उन्होंने कहा कि अपने अधिकारों की बात करने से पहले देश, राज्य व समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को समझें और उनका पालन करें। हम एक ऐसे नव भारत का निर्माण करें, जिसमें सभी को आगे बढ़ने के समान अवसर हों। साधन सम्पन्न व साधन हीन नागरिकों के बीच का अंतर कम हो। हमारी यही कोशिशें आजादी के नायकों को सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
स्वतंत्रता दिवस पर राजभवन में प्रातः आठ बजे होगा ध्वजारोहण
आजादी की 70वीं वर्षगांठ के अवसर पर राज्यपाल डॉ कृष्ण कांत पॉल प्रातः आठ बजे राजभवन के प्रांगण में ध्वजारोहण करेंगे। इस अवसर पर राज्य की जनता के नाम राज्यपाल का संदेश दूरदर्शन पर 15 अगस्त को प्रातः 8.30 बजे व आकाशवाणी द्वारा 15 अगस्त को शाम 6.00 बजे प्रसारित किया जायेगा।
रोशनी में नहाये राजभवन को देख सकेंगे दूनवासी
स्वतंत्रता दिवस की 70वीं वर्षगांठ के अवसर पर राजभवन रोशनी से जगमग होगा। राज्यपाल डॉ कृष्ण कांत पॉल के निर्देशानुसार, रोशनी से जगमगाते राजभवन के दर्शन के इच्छुक, जनसामान्य व स्कूलों के बच्चे राजभवन में प्रवेश पा सकेंगे। 15 अगस्त को शाम सात से आठ बजे तक राजभवन में रोशनी की जगमगाहट का आनंद लिया जा सकता है।