आधार बनवाने में देश में सातवें स्थान पर उत्तराखंड

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मेरा आधार, मेरी पहचान, देशावासियों को आधार से जोड़ने के लिए शुरू हुई मुहिम अपने अंतिम चरण में पहुंच रही है। देश के विभिन्न राज्योें में आधार बनाए जाने का कार्य रफ्तार पकड़ रहा है। आंकड़ों पर गौर करें तो अभी तक देश की कुल 86 प्रतिशत आबादी को आधार से जोड़ दिया गया है।

यूनिक आईडेंटिफिकेशन अथॉरिटी आॅफ इंडिया ने हाल ही में देशभर के आधार नंबर बनाए जाने के आंकड़े जारी किए। यूआईडी की ओर से राज्यों को रैंकिंग देते हुए आधार सेचुरेशन रिपोर्ट जारी की। उत्तराखंड की बात करें तो देशभर के अन्य राज्यों और यूनियन टेरिटरी में प्रदेश ने सातवां स्थान हासिल किया।
यूनिक आईडेंटिफिकेशन अथॉरिटी आॅफ इंडिया की ओर से 15 जुलाई 2017 तक के आधार आंकड़ों को जारी किया। आंकड़ों में राज्यों को रैंकिंग भी प्रदान की गई। आंकड़ों को तीन श्रेणियों में जारी किया। पहली श्रेणी में कुल आबादी के अनुसार अभी तक कितने आधार बनाए गए और कितने प्रतिशत आधार बनने बाकी हैं इसकी जानकारी दी गई। इसी प्रकार शून्य से पांच वर्ष और पांच से 18 आयुवर्ग के आधार के आंकड़े जारी किए गए।
देश के सभी राज्यों की बात करें तो यहां कुल 1,31,95,66,420 आबादी में से 1,13,51,15,535 यानि 86.0 के आधार बनाए जा चुके हैं। राज्यों की रैंकिंग की बात करें तो दिल्ली सबसे आगे रहा। इसके बाद तेलंगाना और तीसरे नंबर पर पंजाब ने जगह बनाई। उत्तराखंड की बात करें तो रैंकिंग सूची में राज्य सातवें स्थान पर रहा। जबकि असम और मेघालय पायदान में सबसे नीचे रहे। मेघालय में जहां 9.8 और असम में 6.6 प्रतिशत की आधार बनाने का लक्ष्य पूरा हुआ है। शून्य से पांच आयुवर्ग की बात करें तो हरियाणा सबसे ऊपर रहा। दूसरे पायदान पर हिमाचल और तीसरे पर उत्तराखंड ने जगह बनाई। हालांकि पांच से 18 वर्ष के बीच आधार बनाने में उत्तराखंड राज्य पीछे रहा। यहां दिल्ली और चंडीगढ़ पहले व दूसरे और दादरा नागर हवेली तीसरे स्थान पर रहा। जबकि उत्तराखंड पायदान में काफी नीचे खिसकते हुए 18वें नंबर पर रुका। हालांकि प्रशासन द्वारा आधार बनाने का कार्य जारी है। अधिकारियों की मानें तो जल्द ही आधार का लक्ष्य प्राप्त कर लिया जाएगा।