उत्तराखण्ड में बिजली कटौती व सप्लाई की रोज हो रही जांच

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    राज्य में बिजली आपूर्ति को बेहतर बनाने के मुख्यमंत्री के निर्देशों को ध्यान में रखते हुए विभाग की ओर से बिजली कटौती को कम किया जा रहा है। साथ ही विद्युत वितरण खण्ड में प्रतिदिन कटौती व आपूर्ति जैसे कार्यों का रोज मूल्यांकन भी किया जा रहा है जिससे व्यवस्था को सुदृढ़ किया जा सके।
    सचिव ऊर्जा राधिका झा ने बताया कि सभी अधीक्षण अभियन्ताओं एवं अधिशासी अभियन्ताओं को निर्देश दिये है कि दैनिक रूप से विद्युत बाधा का अनुश्रवण किया जाए और विद्युत आपूर्ति में कम से कम कटौती की जाए। उन्होंने बताया कि प्रतिदिन विद्युत आपूर्ति रिपोर्ट का अनुश्रवण किया जा रहा है तथा इसके आधार पर विद्युत आपूर्ति गुणवत्ता के क्रियान्वयन को अधिकारियों की वार्षिक मूल्यांकन रिपोर्ट में शामिल किया जायेगा। इससे अधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्रों में विद्युत आपूर्ति में सुधार लाने के लिये व्यक्तिगत रूप से कार्य करना आवश्यक होगा।
    उन्होंने बताया कि ऊर्जा विभाग द्वारा यह योजना राज्य में प्रथम बार लागू की गई है तथा विभाग द्वारा इस दिशा में विशेष कार्य प्रारम्भ कर दिया गया है। विगत वर्ष में ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में माह अप्रैल से जुलाई (चार माह) में प्रणाली में कुल औसतन विद्युत व्यवधान 268 के सापेक्ष घटकर 241 हो गया है तथा इन विद्युत व्यवधानों की अवधि 12586 मिनट से घटकर 9386 मिनट हो गयी हैं। पिछले वर्ष की तुलना में सम्मानित विद्युत उपभोक्ताओं को 3200 मिनट अधिक विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित हुई है, यद्यपि ग्रामीण क्षेत्रों में शहरी क्षेत्रों के सापेक्ष अभी अपेक्षाकृत कम सुधार आया है। ग्रामीण क्षेत्रों में विद्यृत आपूर्ति में बाधा की सूचना व्यक्ति विशेष द्वारा(मैनवली) दी जाती है तथा शहरी क्षेत्रों में 15 मिनट से कम विद्युत बाधित सूचना की गणना नही की जाती है।
    उन्होंने बताया कि सभी विद्युत वितरण खण्डों की रेटिंग इन मानकों के आधार पर करना भी प्रारम्भ किया गया है, इससे कमी वाले क्षेत्रों को लक्षित कर विशेष कार्य योजना बनाने तथा क्रियान्वयन में आसानी होगी एवं आपसी प्रतिस्पर्धा से कर्मी स्वयं भी विद्युत आपूर्ति में सुधार के लिए प्रोत्साहित होंगे।