उत्तराखंड के कारीगरों के लिए एक बहुत बड़ा अवसर था क्योंकि उन्हें र्बिमिंघम में आयोजित ‘ऑटम फेयर इंटरनेशनल 2017’ में अपने काम का प्रदर्शन करना था। राज्य के विभिन्न हिस्सों के आठ कारीगरों ने प्रदर्शनी में भारत का प्रतिनिधित्व किया। कारीगरों ने कालीन, शाॅल, मैट के अलावा उत्पाद जैसे बास्केट, टोपी, लैंप शेड्स, फूलों के गुलदस्ते और अन्य वस्तुओं का प्रदर्शन किया।
उत्तराखंड हथकरघा और हस्तशिल्प विकास परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुधीर चंद्र नौटियाल ने मीडिया से बातचीत में कहा कि, “हम प्रदर्शनी में कारीगरों द्वारा बनाई गई प्राचीन वस्तुएं, तांबा और बांस से बनने वाली हैंडिक्राफ्ट की वस्तुओं का प्रदर्शन करते हैं।प्रदर्शनी के दौरान हम अंतरराष्ट्रीय बाजार के बारे में बहुत कुछ सीख चुके हैं, हालांकि प्रदर्शनी में हमारे उत्पादों की डिमांड ज्यादा थी, लेकिन कुछ लोगों को हमारे उत्पादों की कीमत थोड़ी अधिक लगी। अब हम अपने परियोजना में और अधिक कारीगरों को शामिल करने की योजना बना रहे हैं।इसके अलावा मशीन के द्वारा अपने कुछ उत्पादों को बनाने की भी योजना बना रहे हैं ताकि हम कम समय में और अधिक निर्माण कर सकें, मशीन का प्रयोग यह हमारे मूल्यों को कम करने में हमारी मदद करेगा। “
चमोली जिले की गुड्डी देवी जिनको इस मेले में जाने का मौका मिला उन्होंने कहा कि, ”मेरे लिए अपनी कला को लोगों के बीच दिखाने के लिए दूसरे देश जाने का मौका मिलना बहुत गर्व की बात हैं। प्रदर्शनी में आने वाले लोगों को मेरे हाथ का बना हुआ कालीन और शाॅल बहुत पसंद आया और इन चीजों के लिए मुझे आॅर्डर भी मिले।”
वहीं शिव लाल ने कहा कि, ”दूसरे देश में जाकर अपनेी कला को दिखाने का अनुभव शानदार था, लोगों ने हमारे काम को सराहा और हमें दूसरे देश के कारीगरों से मिलने का मौका भी मिला”।