दिल्ली की तर्ज पर उत्तराखंड को भी ज़रूरत है “एक्सिडेंट विक्टिम स्कीम” की

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राजधानी दिल्ली में सड़क दुर्घटना के शिकार हर व्यक्त का अब मुफ्त इलाज होगा। इसकी जिम्मेदारी अब दिल्ली सरकार उठाएगी।इसके लिये दिल्ली मत्रिमंडल की बैठक में ‘एक्सिडेंट विक्टिम स्किम’ को मंजूरी दे दी गई है। दिल्ली सरकार के इस फैसले के बाद उत्तराखंड में भी इस तरह के कानून के पक्ष में बाते होने लगी हैं।

अगर उत्तराखंड की बात करें तो पिछले साल यानी 2016 में हुई 1591 सड़क दुर्घटनाओं में मरने वालों की संख्या 962 रही और घायल होने वालों का आंकड़ा 1735 था। राजय में चारधाम यात्रा के दौरान भारी संख्या में वाहनों का आना जाना होता है जिसके चलते सड़कों पर होने वाले हादसों में भी इजापा होता है। इसके साथ ही पिछले कुछ सालों में देहरादून, नैनीताल,हरिद्वार जैसे शहरों में स्कूटर मोटरसाइकिलों की संख्या में भारी इज़ाफा हुआ है। ऐसे में दिल्ली की तर्ज पर हादसे के शिकार लोगों के बीमा का कानून कारगर हो सकता है।

दिल्ली सरकार के इस कदम के पीछे वजह बताते हुए दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येन्द्र जैन ने कहा “अगर दिल्ली की सड़कों पर किसी भी नागरिक का एक्सीडेंट होता है तो उसके इलाज़ का सारा खर्चा दिल्ली सरकार उठाएगी। पहले एक घंटे में जब जान बचने की सबसे ज्यादा उम्मीद होती है, उस दौरान उन्हें सरकारी अस्पताल में ले जाने का प्रयास किया जाता है।

इस कानून को मंजूरी मिलने के बाद हर साल इस वजह से लगभग जिन 16 हजार लोगों की मौत राजधानी में इसके चलते होती थी उसमे कमी आएगी।”इससे पहले भी दिल्ली सरकार ने दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति को अस्पताल पहुंचाने के लिए 2000 रुपये की प्रोत्साहन राशि को मंजूरी दी थी। लेकिन, फिलहाल उपराज्यपाल की ओर अभी तक इन दोनो ही फैसलों को मंजूरी नहीं मिली है।