मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने शनिवार को सचिवालय में पेयजल विभाग की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि गर्मियों को देखते हुए नागरिकों को पेयजल आपूर्ति की समुचित व्यवस्था अभी से कर ली जाए। जिन स्थानों में गर्मियों में नियमित तरीके से पेयजल की कमी सम्भावित हो वहां वैकल्पिक साधनों का प्रबंध कर लिया जाए। प्रदेशवासियों को पेयजल उपलब्ध करवाने में धन की कमी नहीं आने दी जाएगी। बताया गया कि शहरी क्षेत्रों के 422 मोहल्ले व ग्रामीण क्षेत्रों की 1006 बस्तियों में पेयजल की कमी सम्भावित है। यहां टैंकरों व पर्वतीय क्षेत्रों में खच्चरों द्वारा पेयजल पहुंचाया जाता है। पावर सप्लाई बाधित होने की स्थिति में पेयजल योजनाओं के लिए जनरेटर की व्यवस्था हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले से बन रही पेयजल योजनाएं को पूरा करने को प्राथमिकता दी जाए। जल प्रबंधन को ठीक किए जाने की आवश्यकता है। पेयजल विभाग टोल फ्री नम्बर सार्वजनिक करे जहां पेयजल समस्या होने पर लोग अपनी शिकायत दर्ज करवा सकें।
स्वच्छ भारत मिशन की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने निर्देश दिए कि मई माह के अंत तक 100 प्रतिशत (ओडीएफ) खुले में शौच से मुक्ति का लक्ष्य पूरा किया जाए। मुख्यमंत्री ने ओडीएफ घोषित किए गए गांवो की सूची उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए ताकि उनका रेंडम परीक्षण कराया जा सके। शहरों में तब्दील हो रहे ग्रामीण क्षेत्रों में भी सोलिड व लिक्विड वेस्ट मेनेजमेंट प्लान तैयार किया जाए।
बैठक में पेयजल मंत्री श्री प्रकाश पंत, मुख्य सचिव श्री एस रामास्वामी, अपर मुख्य सचिव श्री ओमप्रकाश सहित विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।