युवाओं को नहीं भा रहे प्रदेश के मेडिकल संस्थान

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    सरकार प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों को भले ही कितने भी सुविधा संपन्न होने के दावे करती हो लेकिन युवाओं की पंसद में जगह नहीं बना पा रहे हैं। यह हम नहीं बल्कि नीट काउंसिलिंग के आंकड़े इसकी तस्दीक करते हैं। आलम यह है कि काउंसिलिंग में प्रदेश के कॉलेजों की एमबीबीएस की सीटों पर एक चौथाई भी दाखिले नहीं हो पाए हैं।

    राज्य के मेडिकल संस्थानों की सीटों पर दाखिला प्रक्रिया के अंकड़े संस्थानों के हित में नहीं हैं। भले ही युवाओं में डॉक्टर बनने का क्रेज भले ही बढ़ा हो, लेकिन राज्य के मेडिकल कॉलेजों से डॉक्टर बनने की चाहत युवाओं में कम ही दिख रही है।
    नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट (नीट) की ऑल इंडिया काउंसिलिंग के तहत राज्य के तीन मेडिकल कॉलेजों में प्रथम राउंड में दाखिले कुछ यही इशारा कर रहे हैं। श्रीनगर व हल्द्वानी की बात छोड़िए, राजधानी स्थित दून मेडिकल कॉलेज भी देश के युवाओं की पसंद नहीं है। यहां ऑल इंडिया कोटे से अभी मात्र 02 ही एडमिशन हुए हैं।
    वहीं, हल्द्वानी और श्रीनगर मेडिकल कॉलेज में भी अभी अधिकांश सीटें खाली हैं। श्रीनगर मेडिकल कॉलेज में ऑल इंडिया कोटे में महज एक सीट भरी है। जबकि हल्द्वानी में पांच दाखिले हुए थे, जिनमें तीन ने सीट छोड़ दी है। इस स्थिति पहले चरण में राज्य के तीन मेडिकल कॉलेजों में कुल मिलाकर पांच ही सीट भर पाई हैं।
    राज्य के मेडिकल कॉलेजों में एडमिशन कम होने की बड़ी वजह है सरकार के साथ पहाड़ पर पांच साल सेवाओं का बॉन्ड। सरकारी कोटे की सीटों पर दाखिला लेने वाले अभ्यर्थियों के लिए यहां पहाड़ी इलाके में सेवाएं देना अनिवार्य है। अगर बॉन्ड साइन नहीं किया गया तो चार लाख रुपये सालाना फीस चुकानी पड़ती है। जबकि बाहरी राज्यों में यह फीस काफी कम है। यही कारण है कि युवाओं के बीच कम रुझान दिख रहा है।
    काउंसिलिंग का जिम्मा संभाल रही एचएनबी उत्तराखंड मेडिकल एजुकेशन यूनिवर्सिटी के प्रभारी कुलसचिव व निदेशक चिकित्सा शिक्षा डॉ. आशुतोष सयाना के मुताबिक प्रथम चरण की काउंसिलिंग में अभ्यर्थी अच्छा कॉलेज मिलने की आस में कई बार एडमिशन नहीं लेते। दून मेडिकल कॉलेज अभी नया भी है। श्रीनगर में पहाड़ी क्षेत्र व फैकल्टी एक फैक्टर है। उन्होंने बताया कि काउंसिलिंग का दूसरे राउंड में संस्थानों की सीटें भरने की उम्मीद है।

    यह है सीटों की स्थिति
    कॉलेज-ऑल इंडिया सीट-एडमिशन
    राजकीय मेडिकल कॉलेज श्रीनगर-15-01
    राजकीय मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी-15-02
    राजकीय दून मेडिकल कॉलेज, देहरादून-22-02