आजाद भारत में जन्मे पहले उपराष्ट्रपति हैं वेंकैया नायडू’

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नवनिर्वाचित उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू भारत के 15वें उपराष्ट्रपति बन गए हैं। उन्होंने शुक्रवार को राष्ट्रपति भवन में उपराष्ट्रपति पद की शपथ ली और राज्यसभा के सभापति के रूप में पदभार संभाला। खास बात यह रही कि वेंकैया नायडू ने हिंदी में उपराष्ट्रपति पद की शपथ ली।
राज्यसभा के सभापति का अभिनंदन करते हुए सदन के नेता और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों की तरफ से उनका धन्यवाद जताया। मोदी ने कहा कि वह पहले ऐसे उपराष्ट्रपति हैं, जिनका जन्म स्वतंत्र भारत में हुआ। वेंकैया जी, इतने वर्षों तक इन्हीं लोगों के बीच पले-बढ़े। वो सदन की बारीकियों से वाकिफ हैं। वह सदन की प्रक्रिया से निकले पहले उपराष्ट्रपति हैं। मोदी ने कहा कि नायडू किसान के बेटे हैं और गांव को भली-भांति जानते हैं। वह जेपी आंदोलन से भी जुड़े रहे।
पीएम मोदी ने कहा कि वेंकैया जी किसान परिवार से हैं, वह जितना समय शहरी मामलों पर बात करते थे उससे ज्यादा गांव और किसानों के मामले में बात करते थे। आज जब वेंकैया जी इस गरिमापूर्ण पद को ग्रहण कर रहे हैं तो उसी बात को कहूंगा, ‘अमल करो ऐसा अमन में, जहां गुजरें तुम्हारी नजरें, उधर से तुमको सलाम आए।’
राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाब नबी आजाद ने पदभार संभालने के लिए नायडू को बधाई दी। उन्होंने कहा कि नायडू जी सदन के लिए नये नहीं हैं। वो सांसद, मंत्री और पार्लियामेंटी मिनिस्टर के रूप में सदन की हर बारिकी को समझते हैं। आजाद ने कहा कि कई बार हम किसी मुद्दे पर लड़ते हैं मगर फिर हम सदन के बाहर एक साथ हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि सदन में कई ऐसे लोग हैं जो नीचे से उठकर ऊपर तक आए। यह हमारे लोकतंत्र की सबसे अच्छी कामयाबी है। यहां गरीब अमीरी की बात नहीं।
इसके अलावा, राज्यसभा में अभिनंदन कार्यक्रम के अंत में वेंकैया नायडू उपराष्ट्रपति के रूप में अपना पहला भाषण देंगे।

यह पहला मौका है जब देश में तीनों सर्वोच्च संवैधानिक पदों पर आसीन व्यक्ति राष्ट्रीय स्वयंसवेक संघ की पृष्ठभूमि के हैं। देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संघ की पृष्ठभूमि के ही हैं।
पद की शपथ लेने से पूर्व एम. वेंकैया नायडू ने शुक्रवार सुबह पूर्व दिवंगत नेताओं को श्रद्धांजली अर्पित की। सबसे पहले वह राजघाट गये जहां राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का स्मारक है। इसके बाद वह डीडीयू पार्क गये जहां उन्होंने जनसंघ नेता को श्रद्धांजली अर्पित की। फिर वो पटेल चौक गए जहां उन्होंने देश के पहले गृहमंत्री सरदार बल्लभ भाई पटेल को श्रद्धा सुमन अर्पित किए।
आंध्र प्रदेश से उपराष्ट्रपति बनने वाले तीसरे नेता वेंकैया नायडू राजग के उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़े थे। देश के 13वें उपराष्ट्रपति नायडू ने अपने प्रतिद्वंदी पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल गोपाल कृष्ण गांधी को हराया है। वैंकैया से पहले आन्ध्र से डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन और वीवी गिरी भी देश के उपराष्ट्रपति रह चुके हैं।
आंध्र के नेल्लोर जिले के एक किसान परिवार में 1 जुलाई, 1949 को जन्में वेंकैया ने राजनीति की शुरुआत छात्र जीवन से शुरू की थी। इसी दौरान वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के नजदीक आये और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् के साथ जुड़े। वे 1972 में ‘जय आंध्र आंदोलन’ के दौरान पहली बार सुर्खियों में आए। विशाखापट्टनम के लॉ कॉलेज से अंतरराष्ट्रीय कानून में डिग्री ली।
14 अप्रैल, 1971 को उन्होंने उषा से शादी की। उनके एक बेटा और एक बेटी है बेटे का नाम हर्षवर्धन व बेटी का नाम दीपा वेंकट है।
लोकनायक जयप्रकाश नारायण की विचारधारा से प्रभावित होकर आपातकालीन संघर्ष में हिस्सा लिया। वे आपातकाल के विरोध में सड़कों पर उतर आए और उन्हें जेल भी जाना पड़ा। आपातकाल के बाद वे 1977 से 1980 तक जनता पार्टी के युवा शाखा के अध्यक्ष रहे।
महज 29 साल की उम्र में 1978 में पहली बार विधायक बने। 1983 में भी विधानसभा पहुंचे और धीरे-धीरे राज्य में भाजपा के सबसे बड़े नेता बनकर उभरे। भाजपा के विभिन्न पदों पर रहने के बाद नायडू पहली बार कर्नाटक से राज्यसभा के लिए 1998 में चुने गए। इसके बाद से ही 2004, 2010 और 2016 में वह राज्यसभा के सांसद बने।
वर्ष 2002 से 2004 तक उन्होने भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष का उतरदायित्व निभाया। वे अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री रहे और वर्तमान की नरेंद्र मोदी सरकार में वे भारत सरकार के अंतर्गत शहरी विकास, आवास तथा शहरी गरीबी उन्‍मूलन तथा संसदीय कार्य मंत्री रह चुके हैं।