एटीएम साइबर अटैक : शिकायत में देरी पड़ेगी भारी

0
556

देहरादून में साइबर अटैक के चलते अभी तक लोगों को तकरीबन 25 लाख का चूना लग चुका है। लगातार सामने आ रहे ऐसे मामलों का शिकार अगर आप भी बने हैं तो बेहतर होगा कि सबसे पहले संबंधित बैंक में शिकायत दर्ज कराएं। समय से शिकायत करने पर न सिर्फ आपकी शिकायत पर कार्रवाई होगी बल्कि आपका पैसा भी बैंक अपने स्तर पर लौटाने का कार्य करेगा।

देहरादून में लोगों के बैंक खातों से लगातार पैसे गायब हो रहे है। पुलिस और बैंक ही नहीं आरबीआई तक ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच के आदेश दिए हैं। ऐसे में अगर आपके खाते से भी पैसा गायब हुआ है तो बेहतर होगा इसकी शिकायत जितनी जल्दी हो सके बैंक में कर दें, ऐसा न करना आपके लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है। दरअसल, आरबीआई के नियम के अनुसार अगर बैंक ग्राहक के साथ धोखाधड़ी होती है तो ऐसे तमाम ऑनलाइन ट्रांजेक्शन फ्रॉड का खामियाजा बैंक ही भुगतेगा। आरबीआई की जीरो लायबिलिटी पॉलिसी के तहत बैंक ऐसे मामलों में भुगतान करेंगे। हालांकि इसके लिए ठगी होने के तीन दिन के अंदर ग्राहक को अपने बैंक में शिकायत करनी होगी। ऐसा करने पर बैंक पूरी रकम की भरपाई करेगा। इसके अलावा यदि शिकायत में चार से सात दिन का समय लगात है तो इस स्थिति में रकम से 05 हजार रुपये की कटौती कर दी जाएगी।

पीएनबी के सभी खाते इंश्योर्ड 
पंजाब नेशनल बैंक की बात करें तो यहां सभी खातों का बीमा कराया गया है। ऐसे में यदि किसी खातेधारक के साथ कोई इस प्रकार की ठगी हो जाती है तो यहां भी तीन दिन के अंदर उसे संबंधित शाखा में संपर्क कर शिकायत करनी होगी। ऐसा न करने पर बैंक उस राशि का क्लेम स्वीकार नहीं करेगा। बैंक के मंडल प्रमुख अनिल खोसला ने बताया कि शिकायत का तीन दिन का समय उस वक्त से शुरू हो जाएगा, जिस वक्त ग्राहक को उसके खाते से हुए ट्रांजेक्शन की जानकारी मिल जाएगी। ग्राहक को एसएमएस, ईमेल या बैंक स्टेटमेंट से इसकी जानकारी मान्य होगी। उन्होंने बताया कि सभी तरह के ई-ट्रांजेक्शन पर बैंक की यह नीति लागू होगी।

अब तक सामने आ चुके हैं 89 मामले 
देहरादून में एटीएम के जरिए खातों से उड़ाई गई रकम का आंकड़ा 25 लाख के पार पहुंच गया है। मंगलवार देर रात तक अलग-अलग थानों में कुल 89 मुकदमे दर्ज किए जा चुके हैं। लगातार घटित हो रहे इन मामलों को लेकर आरबीआई ने भी चिंता व्यक्त की है। साथ ही बैंकों में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम न होने पर आरबीआई ने बैंकों को भी फटकार लगाई है। इतना ही नहीं ऐसे मामलों गंभीरता से न लेने वाले अधिकारियों को भी आड़े हाथों लेते हुए कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।