जमीन पर नहीं उतर पाए वाॅटर एटीएम

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कांग्रेसी सरकार में लोगों को दिखाया गया दून के सार्वजनिक स्थानों पर वाटर एटीएम लगाने का सपना अधर में लटकता दिख रहा है। नई सरकार बनते ही उक्त प्रस्ताव डंप कर दिया गया, जिससे लोगों के साथ दून आने-जाने वाले राहगीरों की परेशानी कम होती नहीं दिख रही।

दरअसल, दून के सार्वजनिक स्थलों जैसे आईएसबीटी, रेलवे स्टेशन, घंटाघर आदि तमाम जगहों पर पीने के पानी की कोई सुविधा नहीं है। ऐसे में लोगों को या तो दिक्कतों का सामना करना पड़ता है या फिर 20 से 30 रुपये में पानी की बोतल खरीदकर पानी पीना पड़ता है। लोगों व राहगीरों की इस समस्या का समाधान करने के लिए पिछले साल जल संस्थान व एक निजी कंपनी के साथ मिलकर सरकार ने दून के सार्वजनिक स्थानों पर वाटर एटीएम लगाने की तैयारी की।
वहीं, बाकायदा तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत ने पायलेट प्रोजेक्ट के तौर पर वाटर एटीएम का लोकार्पण भी किया था। उस समय कहा गया था कि अगले एक से दो महीने में सभी स्थानों पर लोगों को यह सुविधा उपलब्ध करा दी जाएगी। जहां लोगों को इन एटीएम पर एक रुपये में एक लीटर शुद्ध पानी उपलब्ध होगा लेकिन घोषणा के बाद योजना पर कोई काम नहीं हुआ और योजना डंप होती चली गई। हालांकि दून के अलावा कुछ शहरों में वाटर एटीएम जरूर लगाए गए लेकिन वहां भी देखरेख के अभाव में कुछ दिन बाद ही वह डंप हो गए। जबकि दून में जैसे ही नई सरकार सत्ता में आई है, तब से योजना कागजों में धूल फांक रही है।
वहीं, जल संस्थान के मुख्य महाप्रबंधक एसके गुप्ता ने बताया कि सरकार एक निजी कंपनी के साथ मिलकर वाटर एटीएम लगाने की तैयारी कर रही थी। इसमें जल संस्थान से मात्र सहयोग लिया गया था लेकिन फिलहाल जल संस्थान के पास ऐसा कोई निर्देश नहीं है।