भगवान बद्रीनाथ के शीतकालीन घर पर सरकारी उदासीनता

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    उत्तराखंड में आपदा के चार साल बीत जाने के बाद नेताओं ने दावे और वादे तो बहुत किये, यात्रा में आने वाली श्रद्धालुओं की संख्या भी बड़ गई लेकिन क्या सच में नेताओं के दावों और हकीकत में मेल है? भगवान बद्री विशाल के शीतकालीन पूजा स्थल पांडुकेश्वर के योगध्यान मंदिर को जाने वाला बदहाल डेढ़ किमी रास्ता तो इन दावों की कलई खोल रहा है।

    बद्रीनाथ धाम के कपाट बंद होने पर भगवान के सखा उद्धव जी व कुबेर जी की उत्सव डोली पांडुकेश्वर के योगध्यान मंदिर में विराजमान होती है। पुरातत्व महत्व के इस मंदिर तक बद्रीनाथ हाईवे पर करुणा गदेरे से डेढ़ किमी लंबी सड़क थी। यह सड़क 2013 में आपदा के दौरान बह गया था। लोनिवि ने सड़क की मरम्मत के लिए 20 लाख का प्रस्ताव भी भेजा था, लेकिन घन की कमी का हवाला देते हुए ये मरम्मत अधर में लटक गई।

    सरकारी नियमों और पेचेंदगियों में ऐसा पेच फंसा कि अब तक अधिकारी शासन को प्रस्ताव भेज रहे हैं, परंतु योजना की फाइल शासन में दब कर रह गई है। यात्री बद्रीनाथ यात्रा के दौरान योगध्यान मंदिर के दर्शन के लिए पांडुकेश्वर में रुकते हैं। लेकिन मार्ग से आवाजाही होने के चलते हर यात्री योगध्यान मंदिर नहीं जाता है।

    पांडुकेश्वर में साल 2015 में तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत भी कुबेर महोत्सव में आए थे और तत्काल सड़क की मरम्मत की घोषणा की थी, लेकिन मुख्यमंत्री की घोषणा के तीन साल बाद भी इस मोटर मार्ग के बजट का प्रस्ताव शासन स्तर पर गुम है।