ऋषिकेश तीर्थनगरी में पल-पल बदलते मौसम के रंग होली के शौकीनों के चेहरे की हवाइयां उड़ा रहे हैं। पर्व से जुड़े दुकानदार भी गड़बड़ा रहे मौसम के तेवरों से उलझन में है।
देवभूमि में शनिवार से मौसम के मिजाज ने अचानक से करवट बदली है। गढ़वाल के मुख्य द्वार ऋषिकेश में रात भर कभी जमकर तो कभी थम-थम कर बारिश होती रही। राहत की बात यह रही कि रविवार की सुबह धूल भरी आंधी के बाद सूर्य देव ने अपनी चमक बिखेरी और मौसम खुल गया, लेकिन इसके बावजूद होली पर्व से जुड़े दुकानदारों एवं होली के शौकीनों को पर्व पर मौसम के मिजाज को लेकर चिंता सताने लगी है। गौरतलब यह भी है कि राज्य के मौसम विभाग ने उत्तराखंड के पहाड़ी जिलों के साथ तराई क्षेत्रों में अगले दो-तीन दिन तक हल्की बारिश की आंशका जताई है। ऐसे में यदि मौसम ने अपने तेवर तल्ख किए तो होली के उत्साह पर पानी फिर सकता है।
चमोली में फिर बदला मौसम का मिजाज, ऊंचाई वाले स्थानों पर हुई बर्फवारी
चमोली जिले में रविवार को फिर से एक बार मौसम का मिजाज बदला। जिले की ऊंची चोटियों के साथ बदरीनाथ, हेमकुंड व औली में बर्फबारी हुई। जिला मुख्यालय गोपेश्वर समेत निचले इलाकों में बारिश के चलते शीत लहर चलने लगी है।
रविवार को जहां चमोली जिले में सुबह से धूप खिली हुई थी। परंतु दोहपर बाद अचानक मौसम का मिजाज बदला और ऊंची चोटियों के अलावा बदरीनाथ, हेमकुंड व औली, गोरसों में हिमपात तो निचले हिस्सों में बारिश शुरू हो गई। औली में लगभग आधा फीट बर्फ जमी हुई है। निचले क्षेत्रों में भी दिनभर मौसम का मिजाज पल-पल बदलता रहा। सुबह धूप खिली रही तो लोगों ने धूप का आनंद लिया। दोपहर बाद अचानक मौसम बदला और गोपेश्वर के साथ हीआसपास के इलाकों में बारिश शुरू हो गई थी। जिससे ठंड बढ़ने लगी है।
मौसम को देखते हुए रिजनल को-ऑर्डिनेटर वेर्स्टन एंड सेंट्रल हिमालया,एग्रो मेट एडवाइजरी सर्विस डिवीज़न ऑफ आईएमडी आनंद शर्मा ने बताया कि, “2 मार्च को थोड़ी वेर्स्टन डिस्टरबेंस देखने को मिल रही है, जिसकी वजह से बादल छाये होंगे लेकिन अभी सिस्टम पर मॉनिटरिंग का काम चल रहा जिसकी वजह से एकदम सटीक नहीं बताया जा सकता। मैदानी इलाको मे ज्यादा असर नहीं दिखाई देगा, लेकिन पहाड़ी क्षेत्रों में छींटे पड़ सकते है।”