नैनीताल का मौसम खुशनुमा बनाए रखने में पश्चिमी विक्षोभ कारगर साबित हुआ। बीते मई में भी अधिकतम तापमान 29 डिग्री सेल्सियस के पार नहीं जा पाया। नैनीताल स्थित मौसम विज्ञान केंद्र के आंकड़ों के अनुसार इस साल गर्मी में जब मैदान इलाके तप रहे थे उस समय यहां समय-समय पर बारिश मेहरबान होती रही। जून में भी आए दिन वर्षा का क्रम जारी रहा और तापमान को सिर उठाने का मौका नहीं मिला।
सरोवर नगरी में इस बार पश्चिमी विक्षोभ के साथ ही मानसून जमकर मेहरबान रहा। मई से लेकर सितंबर तक 2134 मिमी वर्षा रिकार्ड की गई। जीआइसी मौसम विज्ञान केंद्र से प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक मानसून के सर्वाधिक मेघ जुलाई में बरसे। जिसमें 788 मिमी वर्षा रिकार्ड की गई। मई में 225 मिमी वर्षा हुई, जबकि प्रचंड गर्मी वाले जून में 306 मिमी वर्षा रिकार्ड की गई। अगस्त में 427 मिमी वर्षा हुई। सितंबर माह में 391 मिमी वर्षा रिकार्ड की गई। मौसम विज्ञान केंद्र प्रभारी प्रताप सिंह बिष्ट का मानना है कि संभवत: मई में कई बार पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय रहने से यहां के वातावरण के नमी में काफी वृद्धि हो गई और लोकल वर्षा का चक्र चल पड़ा। जिससे स्थानीय वर्षा शुरू हो गई।
इस वर्ष मई से अक्टूबर के बीच अधिकतम पारा (डिग्री सेल्सियस में)
7,8 व 15 मई -29
5 जून -29
24 जुलाई- 22.7
7 अगस्त – 24
30 सितंबर- 25
17 अक्टूबर- 25
पिछले सात सालों में पारा
-मई 2017 में तीन बार अधिकतम 29 व जून में एक ही बार
-मई 2016 मई दो बार अधिकतम 29 डिग्री सेल्सियस
– मई 2015 मई में दो बार पारा 31 डिग्री सेल्सियस तक गया और जून में पांच बार 31 तक पहुंचा।
– मई 2014 मई में 28 से उपर नही गया, जून में 30 डिग्री सेल्सियस पर आकर ठहरा
– मई और जून 2012 में 31 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचा।