विधवा पेंशन लेने को काट रहे दफ्तरों के चक्कर

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गरीब लोगों की आर्थिक रूप से सहायता प्रदान करने के लिए शुरू की गई योजनाओं का लाभ लेने के लिए उन्हें सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटने पड़ रहे हैं। इसी तरह के मामले में ब्रहमपुरी व लोहियानगर की तीन महिलाएं सरकारी व्यवस्था से पीड़ित हैं। स्थिति यह है कि ये महिलाएं विधवा एवं वृद्धावस्था पेंशन के लिए महीनों से चक्कर काट रही हैं, लेकिन अब तक इनकी पेंशन शुरू नहीं हो पाई हैं। सिर्फ ये तीन ही नहीं, बल्कि दून में फिलहाल ऐसे दो सौ से ज्यादा लोग ऐसे हैं, जो पेंशन के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं। ब्रहमपुरी निवासी महेश्वरी देवी ने वृद्धावस्था पेंशन के लिए 15 जनवरी 2016 को आवेदन किया। आवेदन फार्म पर उन्होंने पटवारी, कानूनगो व तहसीलदार से रिपोर्ट भी लगवाई, लेकिन अब तक एसडीएम कार्यालय से आवेदन सत्यापित नहीं हुआ है। इस कारण उनकी पेंशन नहीं लग पाई है।
ऐसे ही लोहियानगर निवासी सुनीता देवी ने विधवा पेंशन के लिए पांच अक्टूबर 2016 को आवेदन किया, लेकिन इस फार्म पर भी एसडीएम के हस्ताक्षर नहीं हुए हैं। महिला ने बताया कि नियमानुसार परिवार की आय चार हजार रुपये तक होनी चाहिए और उनके पास वर्तमान आय इतनी ही है, बावजूद इसके उनकी पेंशन नहीं लग पाई है। इसके अलावा ब्रहमपुरी क्षेत्र निवासी बीना देवी भी आवेदन फार्म लेकर पिछले छह महीने से सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रही है, लेकिन अब तक उनके हाथ सिर्फ मायूसी के और कुछ नहीं लगा।
जिला समाज कल्याण अधिकारी अनुराघ शंखधर ने कहा कि पेंशन के लिए कुछ औपचारिकताएं जरूरी होती है। जैसे ही आवेदक उक्त औपचारिकताओं को पूरा कर आवेदन लाएंगे, वैसे ही उनकी पेंशन लगा दी जाएगी।