जहां एक तरफ यह खबरें तेज हो रही हैं कि बीजेपी आने वाले मेयर चुनावों में देहरादून में महिलाओं के लिए सीटें आरक्षित करने वाली है। वहीं पहाड़ी राजधानी में इस प्रतिष्ठित पद के लिए बीजेपी के अंदर ही मेयर चुनाव के लिए खासा लड़ाई है।
आपको बतादें कि भगवा पार्टी में मेयर उम्मीदवारों के लिए जहां एक तरफ महासचिव सुनील उनियाल गामा बहुत ही मजबूत उम्मीदवार हैं और जिन्हें मुख्यमंत्री के करीब माना जाता है, वहीं उमेश अग्रवाल, पार्टी के पूर्व शहर अध्यक्ष और महिला सेल के प्रमुख नीलम सेहगल और पार्टी के पूर्व सिटी प्रमुख पुनीत मित्तल भी मेयर के लिए उम्मीदवारों की लिस्ट में आगे है।
बीजेपी के राज्य प्रमुख अजय भट्ट ने कहा, “प्रशासन (यानि की राज्य सरकार) शहर में महिलाओं की आरक्षण स्थिति देने पर फैसला करेगी। हमारी पार्टी में कई सक्षम नेता हैं। वरिष्ठ उम्मीदवारों से सलाह लेने के बाद उम्मीदवारों का फैसला लिया जाएगा।”भट्ट ने कहा कि पार्टी का फोकस सिर्फ मेयर पद पर नहीं है बल्कि उत्तराखंड में शहरी स्थानीय निकायों की सभी सीटों पर इस साल अप्रैल में चुनाव होने वाला है।”
परिसीमन के बाद मेयर चुनाव के लिए आठ शहरों – देहरादून, हरिद्वार, हल्द्वानी, रुद्रपुर, रुड़की और काशीपुर,कोटद्वार और ऋषिकेश को भी सूची में जोड़ा गया है। सीमांकन प्रक्रिया के तहत, राज्य सरकार नगर-पालिका सीमाओं का विस्तार कर रही है और जनसंख्या के आधार पर 92 शहरी स्थानीय निकायों में गांवों को जोड़ रही है।
इस बारे में ज्यादा जानकारी के लिए टीम न्यूजपोस्ट ने बीजेपी के प्रवक्ता डॉ.देवेंद्र भसीन से बातचीत कि ”उन्होंने बताया कि अगर ऐसा कुछ हैं तो यह पार्टी के नेता और सीनियर नेता तय करेंगे।उन्होंने कहा कि कोई भी फैसला लेने से पहले इस बात का ध्यान रखना जरुरी है कि हर निर्णय के कुछ कानूनन पहलू भी होते हैं।रही बात महिला सीट आरक्षण की तो यह बात कुछ समय में साफ हो जाएगी।”
इस बात की और अधिक पुष्टि के लिए टीम न्यूजपोस्ट ने मेयर पद के प्रत्याशी और पूर्व सिटी प्रमुख पुनीत मित्तल से बातचीत की ”उन्होंने कहा कि वैसे तो मेयर सीट सामान्य वर्ग के लिए हैं लेकिन अगर ऐसी स्थिति आती है कि सीटें आरक्षित हो रही हैं तो उसका कारण कुछ ना कुछ महत्तवपूर्ण होगा।रही बात आरक्षण की तो मेरे हिसाब से यह नहीं होगा और अगर ऐसा होता है तो पार्टी का फैसला हम सबको मानना है और हम इस निर्णय को पूरा सहयोग देंगे।”
हालांकि दिलचस्प बात यह है कि शहर के मेयर विनोद चामोली की पत्नी की फोटो के साथ बने पोस्टर ने भाजपा शिविर में कहां-ना-कहीं खलबली जरुर पैदा कर दी है, क्योंकि इसका मतलब है कि वह इस पद के लिए अपनी पत्नी को उम्मीदवारी के रुप में आगे बढ़ा सकते हैं।बीजेपी के एक नेता ने कहा कि आपको बतेदें कि इस पद के लिए “उम्मीदवार का चयन कई कारणों पर निर्भर करता है यदि दिनेश अग्रवाल जैसे मजबूत उम्मीदवार यह चुनाव लड़ रहे हैं तो समीकरण पूरी तरह बदल जाएगा क्योंकि तब किसी भी राजनीतिक नौसिखिया को भाजपा से टिकट नहीं दिया जाएगा।”
हालांकि इस वक्त पार्टी अपने समीकरण के अनुसार मेयर पद के लिए योग्य उम्मीदवार को तलाशने में लगी है लकिन आगे इस सीट पर कौन चुनाव लड़ता है और किसके लिए यह सीट आरक्षित की जाती है यह तो वक्त ही बताएगा।