पिछले दो हफ्तों में मसूरी में बदमाशों ने चोरी की तीन वारदातों को अंजाम दिया है। जिसके चलते शहर की पुलिस हरकत में आ गई है। तीन साल पहले शहर में लगे 12 सीसीटीवी कैमरों की मरम्मत की जा रही है। ये कैमरे लंबे समय से खराब पड़े थे, तीन लाख रुपये की लागत से लगे इन कैमरों का मकसद था शहर की ट्रैफिक व्यवस्था के साथ-साथ असामाजिक तत्वों पर नज़र रखना।
मसूरी इंस्पेक्टर राजीव रौथन कहते हैं कि, “बिना कैमरों के शहर पर नज़र रखना काफी चुनौतीपूर्ण हो जाता है। हमें उम्मीद है कि नवंबर के आखिर तक नये कैमरों का काम पूरा हो जायेगा।” हांलाकि इस बार की खरीद मसूरी नगर पालिका करेगी पर इन सभी कैमरों के संचालन व रखरखाव मसूरी पुलिस करेगी। इन कैमरों की मदद से मसूरी के खास इलाके जैसे की लाइब्रेरी चौक, पिक्चर पैलेस, केंपटी टैक्सी स्टैंड आदी पर निगरानी रखी जायेगी”।
सर्दियों में गिरते तापमान और स्कूलों की छुट्टियों के चलते शहर में दुकाने जल्दी बंद हो जाती हैं जिसके चलते चोरों और बदमाशों के लिये शहर का इलाका अपनी हरकतों को अंजाम देने के लिये और मुफीद हो जाता है।
इंस्पेकटर रौथन कहते हैं कि, “सर्दियों में पर्यटकों व गाङियों की संख्या कम होने के कारण हमने आठ पुलिस अधिकारियों को जिन्हे ट्रैफिक मैनेजमेंट की ड्यूटी पर लगाया गया था वहां से हटाकर शहर में रात में गश्त करने के लिये लगाया है।”
ये अफसोस की बात है कि हमारे यहां पर सरकारी तंत्र किसी अप्रिय घटना के घटने के बाद हरकत में आता है और ऐसा ही कुछ मसूरी में खराब पड़े सीसीटीवी कैमरों के केस में हुआ है। अब उम्मीद यही कर सकते हैं कि आने वाले दिनों में नये कैमरे शहर को और सुरक्षित बनाने में मदद कर पायेंगे।