देश के मैदानी क्षेत्र जहां कोहरे की मोटी चादर से ढका हुआ है और तापमान लगातार गिर रहा है, उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों में इन सर्दियों में भी अभी तक धूप खिल रही थी और नीला आसमान अपनी छटा बिखेर रहा था। मगर नया साल आते आते ये तस्वीर भी बदलने वाली है। उत्तराखंड के पहाड़ों में मौसम का बदलना आने वाले समय में बारिश की ओर संकेत कर रहा है और दिसंबर में बारिश सर्दियों में होने वाले फसल के लिए नुकसानदेह है, जो कि किसानों के लिए चिंता का विषय है। राज्य की राजधानी से केवल 20 किमी दूर पर स्थित बड़े क्षेत्र में ज़मीन आजकल बंजर पड़ी है, लेकिन यह हमेशा से ऐसी नहीं थी कुछ साल पहले तक यह जमीन सर्दियों की फसल से लहलहाते रहती थी। लेकिन साल दर साल बदलते मौसम के चलते,घटते और बढ़ते तापमान की वजह से और तो और सूखा पड़ने की वजह से आज सर्दियों की फसल के नाम पर किसानों के हाथ असफलता ही लगती है।
45 वर्ष के अनिल से बातचीत करने पर उन्होंने बताया कि पिछले आठ दशक से उनके हिस्से की जमीन जो उन्हें और उनके परिवार का पालन कर रही थी,लेकिन उनकी फसल बारिश की कमी से छोटी की छोटी दोती जा रही है। वो बताते हैं कि अगर बारिश हुई होती तो हमारी फसल बच गई होती और आज हमारे पास खाने के लिए कुछ तो होता और उस राशन में से हम थोड़ा बहुत आने वाले महीनों के लिए बचा लेते, लेकिन जैसा भी चल रहा ना तो हमारे पास कुछ है और हमारी फसल भी नाकामयाब हो गई।
लेकिन जो पर्यटक अपना नया साल 2017 मनाने मसूरी आ रहे, उनके लिए खुशखबरी है जैसा मौसम अभी है उसके हिसाब से बादलों ने अपने पर्यटकों के लिए बर्फबारी के संकेत दे दिए हैं। मसूरी में नया साल मनाने अपने परिवार के साथ आई पूजा नायर कहती हैं कि अगर यहां बर्फ गिरी तो वो कुछ ऐसा होगा जैसा केक के ऊपर किसी ने बर्फ बिखरा दी हो, और इसेस ज्यादा नए साल की परफेक्ट शुरुआत हो भी नहीं सकती, लेकिन ये तो वक्त ही बताएगा। मौसम विभाग के मुताबिक कई जगहों पर बारिश और हल्की बर्फ गिर सकती है, और लगभग 3000 मीटर तक बर्फ भी गिर सकती है जिसमें मसूरी भी है और मैदानी क्षेत्रों में भी कहीं कहीं बारिश की आशंका है।