लावारिस गायों के लिए गौसदन बनाने की मांग

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पछवादून क्षेत्र में लावारिस गौ वंश के संरक्षण की कोई भी व्यवस्था नहीं होने के चलते बाड़वाला से लेकर सेलाकुई तक हर रोज सैंकड़ों गौवंश राष्ट्रीय राजमार्ग के साथ ही अन्य संपर्क मार्गों पर घूमते रहते हैं। लावारिश घूम रहे पशु अक्सर वाहनों की चपेट में आकर दुर्घटनाओं का शिकार हो जाते हैं, जबकि इन पशुओं पर तस्करों की नजर भी लगी रहती है। वारियर्स गर्ल्स ग्रुप हरबर्टपुर ने गौ वंश के संरक्षण के लिए उचित व्यवस्था किए जाने की मांग शासन, प्रशासन से की है।

पांच लाख से अधिक वाली पछवादून तहसील के बाशिंदों को मुख्य पेशा कृषि है, लिहाजा यहां ग्रामीण क्षेत्रों के साथ ही शहरी क्षेत्रों में भी सहायक व्यवसाय के तौर पर पशुपालन किया जाता है। अधिकांश लोगों द्वारा पालतू पशुओं की उपयोगिता समाप्त होने पर उन्हें लावारिश छोड़ा जा रहा है, जो अक्सर रात दिन राष्ट्रीय राजमार्ग सहित गांवों के संपर्क मार्गों पर घूमते रहते हैं। ऐसे लावारिश पशु अक्सर तेज गति से चल रहे वाहनों की चपेट में आने से दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं, जबकि कई बार ये पशु वाहन दुर्घटनाओं का कारण भी बनते हैं। साथ ही इन पशुओं पर तस्करों की निगाहें भी लगी रहती हैं।

तहसील क्षेत्र में सरकारी स्तर पर लावारिश गौवंश के संरक्षण के लिए काई भी गौसदन व कांजी हाउस नहीं है। निजी स्तर पर छरबा पंचायत के पूर्व प्रधान रूमीराम जसवाल ने जरूर गौशाला बनाई है लेकिन सरकारी सहायता नहीं मिलने के चलते उसकी क्षमता भी सौ से अधिक गौवंश के संरक्षण की नहीं है। वारियर्स गर्ल्स ग्रुप ने लावारिश पशुओं के संरक्षण के लिए कांजी हाउस या अन्य कोई उचित व्यवस्था किए जाने की मांग को लेकर मुख्यमंत्री को ज्ञापन प्रेषित किया है।

ज्ञापन के माध्यम से पछवादून क्षेत्र सहित तहसील क्षेत्र में गौ सदन बनाने व उसमें पशुओं के संरक्षण और पोषण की उचित व्यवस्था मांग की है, जिससे लावारिश गोवंश के संरक्षण के साथ ही सड़क दुर्घटनाओं पर भी रोक लग सके। ज्ञापन पर ग्रुप की अध्यक्ष रिहाना सिद्दीकी, रितु सैनी, प्रीति सैनी, अनीता सैनी, नरेश, मोहसिन आलम के हस्ताक्षर हैं।