गोपेश्वर। चमोली जिले के योग प्रशिक्षितों ने रविवार को जिला मुख्यालय गोपेश्वर में एक बैठक आयोजित कर सरकार से मांग की है कि योग को विद्यालयी पाठ्यक्रम में अनिवार्य शिक्षा के रूप में किया जाए। ताकि योग प्रशिक्षितों को इससे रोजगार मिल सके।
रविवार को गोपेश्वर में आयोजित बैठक में योग प्रशिक्षितों का कहना था कि एक ओर केंद्र सरकार से लेकर राज्य सरकार तक सभी योग को सींखने की बात कर रहे हैं लेकिन योग को विद्यालयी शिक्षा में अलग विषय के रूप में शामिल नहीं किया जा रहा है। यदि सरकार ऐसा करती है तो उत्तराखंड के तमाम योग शिक्षकों को इसमें तैनात कर उन्हें रोजगार मिल सकता है। उन्होेेंने कहा कि योग प्रशिक्षित बेरोजगारों द्वारा एक लंबे समय से जनपद के विभिन्न हिस्सों में नि:शुल्क योग शिविरों का अयोजन किया जा रहा है, जिसका आशातीत लाभ भी लोगों को मिल रहा है और सभी इसको सफल कार्यक्रम बता रहे है। इसके बाद भी सरकार ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया है।
योग प्रशिक्षितों ने मांग की है कि योग को विद्यालयी शिक्षा में एक अलग विषय के रूप में खोल कर पद सृजित किये जाए ताकि योग प्रशिक्षितों को रोजगार मिल सके। बैठक में संदीप शाह, बबीता नेगी, महावीर कंडियाल, प्रदीप कुमार, प्रेम प्रकाश, चंदा रावत, अर्चना नेगी, प्रकाश गडिया, अंजना, कुसुम, माधुरी, जगत सिंह आदि ने अपने विचार रखे।