हेमकुंड यात्रा पर गए एक युवक और युवती रास्ता भटक कर जंगल की तरफ चले गये थे। जंगल में खतरे को देखते हुए उन्होंने मदद के लिए काफी आवाज लगाई, जिसे सुनकर कुछ ग्रामीणों ने पुलिस को सूचना दी। जिसके बाद रेस्क्यू ऑपरेशन चलाते हुए पुलिस ने मंगलवार रात में ही युवक-युवती को बचा लिया।
मंगलवार की रात को दिल्ली के युवक-युवती जो हेमकुंड साहेब की यात्रा के लिए आये थे रास्ता भटक कर जंगल की ओर चले गये। अंधेरे में जब वे पहाड़ी पर फंस गये तो उन्होंने जान बचाने लिए आवाज लगाई। गांववालों की सूचना पर पुलिस टीम मौके पर पहुंची।
थाना गोविंदघाट के अध्यक्ष प्रदीप राठोर ने पुलिस टीम और एसडीआरएफ को लेकर रात में ही उन्हें खोजने निकल गये। पुलना गांव से करीब डेढ़ किमी ऊपर आवाज लगाने पर युवक की आवाज आने पर पुलिस टीन टॉर्च की रोशनी के सहारे पहाड़ी पर चढ़ गए और उन्हें सुरक्षित किया। थानाध्यक्ष ने बताया कि युवक ने अपना नाम कमल व युवती ने अपना नाम तरंग (दिल्ली निवासी) बताया।
महिला के घाटी में फिसलन से पैर में चोट लग गयी। रात्रि क़रीब 2.30 पर एसडीआरएफ टीम को सूचना प्राप्त हुई। काफी खोज बीन और दूरी के कारण टीम लगभग 600 बजे घायल तक पहुचे, एसडीआरएफ टीम के मेडिकल इंचार्ज पेरमेडिक्स द्वारा दोनों को ही मोके पर फर्स्ट ऐड दिया और टीम द्वारा स्टेक्चर के माद्यम से गोबिंद घाट हॉस्पिटल पहुचाया गया ।
ज्ञात्वय् हो की इसी टीम के द्वारा इससे पूर्व रात्रि को 5 घण्टे का रेस्क्यू कर 4 मजदूरो को अलकनंदा नदी में रोप रेस्क्यू कर बचाया था।जो रात्रि 23:00 बजे समाप्त हुआ था। 3 घंटे बाद ही टीम का ये दूसरा रेस्क्यू रहा।