ईवीएम से छेड़छाड़ मामले में चुनाव आयोग की ओर से शुक्रवार को नैनीताल कोर्ट में संशोधित प्रार्थना पत्र दायर किए गए। आयोग ने प्रार्थना पत्र में कोर्ट से ईवीएम की न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष सील लगाने संबंधी आदेश को हटाने की मांग की है। आयोग के अनुसार ईवीएम पहले से ही सीलबंद हैं। वहीं कोर्ट ने प्रार्थना पत्रों पर आपत्ति दाखिल करने के लिए तीन सप्ताह का समय दिया है।
बीते दिनों न्यायाधीश न्यायमूर्ति एसके गुप्ता की एकलपीठ ने विकास नगर से कांग्रेस प्रत्याशी नवप्रभात के अलावा मसूरी से गोदावरी थापली समेत अन्य प्रत्याशियों की याचिका पर सुनवाई करते हुए जीते हुए प्रत्याशियों को नोटिस जारी किया था। साथ ही ईवीएम को न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष सील करने के आदेश पारित किए थे।
आयोग के अधिवक्ता की ओर से एकलपीठ में बयान दर्ज कराते हुए कहा गया था कि ईवीएम पहले से ही सील बंद कर कंट्रोल रूम में रखी गई हैं। इनका रखरखाव राज्य सरकार कर रही है। अब चुनाव आयोग के अधिवक्ता ने कहा कि पिछले वक्तव्य में राज्य सरकार शब्द भूलवश रिकॉर्ड हो गया, जबकि यह रखरखाव सरकार के जिला निर्वाचन अधिकारी के माध्यम से निर्वाचन आयोग कर रहा है।
इसलिए आयोग ने अदालत से ईवीएम को न्यायिक मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में सील बंद किए जाने के आदेश को हटाने की मांग की है। जस्टिस गुप्ता की एकलपीठ ने मामले को सुनने के बाद याचिकाकर्ता व प्रत्याशी रहे राजकुमार, प्रभुलाल बहुगुणा, गोदावरी थापली, अमरीश कुमार, विक्रम सिंह नेगी, चरन सिंह से तीन सप्ताह में आपत्ति दाखिल करने के आदेश पारित किए।