एसङीआरएफ 2019 का रोमांचक सफर

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अनेक चुनोतियाँ को ध्वस्त कर नित नए आयाम गढ़ती SDRF ने वर्ष 2019 में भी अनेक उत्कृष्ट उपलब्धियों से ख्याति प्राप्त कार्य कर प्रदेश को गोरावन्तित किया है। sdrf द्वारा गंगा की लहरों से लेकर शिवालिक एवम उच्च हिमालयी क्षेत्रों में अपनी रेस्कयू पारंगतता एवम मानवीय समर्पण से अनेक दुष्कर रेस्कयू कार्यों को अंजाम तक पहुँचाया है।

जहां एक और प्रदेश भर में जनजागरूकता की बयार फैलाई, वही स्वयं के पथ पर आधुनिकरण एवमं सुदृढ़करण में भी अनेक कदम उठाए, चारधाम सकुशल सफल यात्रा हो या कैलाश मानसरोवर यात्रा, हेमकुंड साहिब यात्रा हो या उत्तराखण्ड की सास्कृतिक धरोहर थामे स्थानीय मेले, हर पहलू में sdrf ने अपने सेवा, साहस, एवम कौशल की धवल बिखेरी है:-

रेस्कयू
वर्ष 2019 में SDRF टीमों के द्वारा 345 रेस्कयू ऑपरेशनों के माध्यम से 370 मानव जीवन की रक्षा की है साथ ही घटना क्षेत्र से 271 शवों को भी बरामद किया है।

कावड़ मेला हरिद्वार
राज्य आपदा प्रतिपादन बल ने कांवड़ मेले में रेस्क्यू टीमों की तैनाती के साथ ही कावड़ियों की सहायतार्थ आपातकालीन प्राथमिक चिकित्सा केंद्र स्थापित किया जहां एसडीआरएफ के प्रशिक्षित पैरामेडिक्सों के द्वारा 12 दिवस तक स्थापित चिकित्सा शिविर के माध्यम से 2085 कांवड़ियों को प्राथमिक चिकित्सा उपलब्ध कराई गई।

त्रिशूल पर्वत का आरोहण
इंडियन माउंटेन फेडरेशन द्वारा संचालित पर्वतारोहण अभियान में चयनित सदस्य एसडीआरएफ जवान राजेंद्र नाथ उत्तराखंड के प्रथम पुलिसकर्मी बने हैं ,जिनके द्वारा माउंट त्रिशूल 7120 मीटर के शिखर को फतह किया गया। माउंट त्रिशूल अत्यधिक चुनौतीपूर्ण व पर्वतारोहियों के बीच लोकप्रिय मानी जाती है। भागीरथी सतोपंथ गिरिराज शिकार एवरेस्ट के बाद त्रिशूल आरोहण में SDRF सदस्य का सम्मिलित होना अपने आप एक उपलब्धि है।

श्री बद्रीनाथ एवं श्री केदारनाथ पौराणिक मार्गों का सर्वेक्षण
दिनांक 20 अप्रैल 2019 से तीर्थ नगरी ऋषिकेश से इस खोजी यात्रा का शंखनाद किया। 15 सदस्य एसडीआरएफ दल ने श्री केदारनाथ 325 किलोमीटर एवं श्री बदरीनाथ 370 किलोमीटर पौराणिक मात्र मार्ग को पैदल तय कर मार्गो से अनेक स्मृतियों को उकेरा, दल द्वारा पौराणिक विश्राम गृह, मणि छानी समेत अनेक देवालय शिवालय एवं आंग्ल साम्राज्य के समुदाय द्वारा प्रयुक्त किए जाने वाले विश्रामगृह को भी अपने स्मृति चिन्ह में चिन्हित किया भविष्य में इन मार्गों का उपयोग किसी भी आपदा के दौरान वैकल्पिक मार्गों के रूप में किया जा सकेगा।

आपदा जागरूकता मेला पुलिस लाइन देहरादून
दिनांक 30 अप्रैल 2019 को देहरादून पुलिस लाइन में एसडीआरएफ द्वारा आपदा जागरूकता मेला का आयोजन किया गया था। मेले के माध्यम से ‘TOWARDS A DISASTER RESILIENT FUTURE’ का संदेश देने की कोशिश की गई आपदा जागरूकता मेले में 43 स्कूलों के 8000 छात्र-छात्राओं ने प्रतिभाग किया।

अराकोट रेस्कयू
वर्ष 2019 के माह अगस्त में जनपद उत्तरकाशी के मोरी ब्लाक के हिमाचल सीमा से लगे कई गांव भारी वर्षा एवं बादल फटने से आई भीषण आपदा की चपेट में आ गए आरकोट सनेल, मोल्डी मोंडा नगवाड़ा टीकोची किराणु आदि गांव में भारी वर्षा बादल फटने भूस्खलन होने से जान-माल की अत्यधिक क्षति पहुंची , SDRF द्वारा व्यापक स्तर पर स्थानीय पुलिस एनडीआरफ एवं अन्य बचाव कार्यों के साथ मिलकर राहत एवं बचाव कार्य आरंभ किया गया स्थानीय जनमानस हेतु निशुल्क भोजन की व्यवस्था की गई एवं आपदा प्रभावित गांव में पैदल मार्ग एवं हेलीकॉप्टर की सहायता से आपदा राहत सामग्री पहुंचाई गई।

अन्य प्रदेश में रेस्क्यू अभियान
दिनांक 15 सितंबर को आंध्र प्रदेश के पूर्वी गोदावरी जिले के देवी पट्टन इलाके में सैलानियों से भरी एक नौका गोदावरी की विशाल लहरों के वेग से पलटने के कारण घटना में लापता लगभग 25 व्यक्तियों के खोजने को एसडीआरएफ उत्तराखंड पुलिस के 6 सदस्य दल द्वारा हेली के माध्यम से आंध्र प्रदेश पहुंचकर एनडीआरएफ के साथ संयुक्त सर्च ऑपरेशन चलाया। जिसमें लापता हुए 23 सैलानियों के शव sdrf द्वारा सँयुक्त रूप से खोजे गए।

एसडीआरएफ टीम द्वारा घटनास्थल पर अपने साथ लाए गए अत्याधुनिक उपकरण सोनार सिस्टम के माध्यम से नदी के नीचे नाव की छवि, दिशा एवं स्थिति का पता भी लगाया। ज्ञातव्य हो कि इससे पूर्व भी SDRF के द्वारा सीमावर्ती प्रदेश हिमाचल, हरियाणा, उत्तर प्रदेश के अतिरिक्त दूरस्थ प्रदेश बिहार में भी रेस्क्यू अभियान चलाया गया है

अविष्कार एक नई पहल
राज्य आपदा प्रतिवादन बल के जवान कांस्टेबल विक्रम सिंह ने अपनी वैज्ञानिक प्रतिभा को नव दिशा प्रदान करते हुए अति उपयोगी उपकरण वायर रिमोर्ट चलित अंडर वाटर अंकुश का आविष्कार किया संपूर्ण उपकरण का वजन लगभग 6 से 7 किलोग्राम एवं लंबाई लगभग 80 सेंटीमीटर है जिसे 6 वोल्ट की बैटरी से राफ्ट में बैठकर आसानी से संचालित किया जाता है

मानवक्षति न्यूनीकरण एवम सामुदायिक क्षमता विकास
विकास को गति देते हुए राज्य आपदा प्रतिपादन बल के द्वारा आपदा के संबंध में जन जागरूकता लाने हेतु मिशन जागृति के माध्यम से 64184 स्कूली छात्र-छात्राओं एवं आम जनमानस को नुक्कड़ नाटकों व्याख्यान डेमोंसट्रेशन इत्यादि माध्यम से जागरूक किया है एसडीआरएफ का लक्ष्य 100000 छात्र-छात्राओं एवं आमजनमानस को आपदा के सम्बंध में जागरूक करना है।

शिक्षण कार्यक्रम                                                                                                                  SDRF द्वारा राज्य के विभिन्न स्थानों पर पुलिस पीआरडी होमगार्ड ग्राम प्रहरी स्वयंसेवक महिला एवं युवा मंगल दल रेड क्रॉस भूतपूर्व सैनिक एवं अन्य संबंधित विभागों को लगभग 4500 सदस्यों को आपदा में राहत व बचाव कार्य हेतु प्रशिक्षित किया गया।
पर्यावरण सरक्षंण

वर्ष 2019 में sdrf द्वारा पर्यावरण सरक्षंण की दिशा में अनेक कदम उठाये, अनेक पर्यटक एवमं धार्मिक स्थानों में जहां स्वच्छता अभियान चलाए, वही अनेक स्थानों में बृक्षरोपण किया गया। फायर सीजन में उत्तराखंड के वनों में दावाग्नि से निपटने में sdrf का विशेष योगदान रहा।

पशु रक्षण भी
वर्ष 2019 में sdrf ने कुल पशु 46 रेस्कयू अभियानों के माध्यम से 61 गो वंशो की रक्षा की।ये पशु दलदल, नदी तटों एवम गहरी खाई में फंसे होते हैं जो अधिकांश: सहायता न मिलने की दशा में दम तोड़ देते है इस वर्ष सर्वाधिक सफल पशु रेस्कयू अभियान हुए।