ऋषिकेश। परमार्थ निकेतन पहुंचे प्रसिद्ध हास्य कलाकार राजू श्रीवास्तव उन्होने परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज से भेंट कर आशीर्वाद लिया। तत्पश्चात राजू श्रीवास्तव जी ने परमार्थ गंगा तट पर होने वाली दिव्य गंगा आरती में सहभाग किया।
चर्चा के दौरान स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज ने कहा, ’’जल है तो कल है; कल होगा तो कविता भी बहेगी और जल होगा तो जोक्स भी बनेंगे। स्वामी जी ने आह्वान किया कि सभी कलाकारों को गंगा के लिये; जल के लिये जोड़े, जल ही तो कल है । जल और वायु के बिना जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती। स्वामी जी ने कहा कि लोगों को हँसाना एक श्रेष्ठ कला है। आज की भागदौड़ भरी जीवन शैली में हँसना मानों रहा ही नहीं इसलिये हँसनें के लिये लोगो को हास्य क्लब जाना पड़़ता है। उन्होने कहा कि आप अपने व्यंग के माध्यम से लोगों को हँसना सीखा रहे यह एक उत्कृष्ट सेवा है, तनाव से मुक्ति का माध्यम है और हँसने में स्वस्थ जीवन का राज छूपा है। स्वामी जी ने कहा कि वर्तमान और भविष्य की पीढ़ियों को वास्तव में हँसते देखना है तो जल, वायु और पर्यावरण को शुद्ध रखना नितांत आवश्यक है।’’
बताते चले की राजू श्रीवास्तव जी रोजमर्रा की घटनाओं पर व्यंग, हास्य कर लोगों को मंत्रमुग्ध करते आ रहे है, साथ ही उन्होने बाॅम्बे टू गोआ, हैदराबाद नबाब्स और मैं प्रेम की दीवानी हूँ आदि फिल्मों के माध्यम से भी लोगो का मनोरंजन किया है वे एक उम्दा हास्य कलाकार है। राजू श्रीवास्तव जैसे ही परमार्थ गंगा तट पर पहंुचे वहां उपस्थित प्रशंसकों ने उन्हे घेर लिया वे अपने चिरपरिचित अन्दाज में अपने चाहने वालों से मिले। उन्होने ऋषिकेश की वादियों का आन्नद लिया, माँ गंगा की आरती और पूज्य स्वामी जी का आशीर्वाद लिया साथ ही राफ्टिंग का भी आन्नद लिया।
श्री राजू श्रीवास्तव जी ने कहा कि गंगा में मेरे प्राण बसते है उन्होने पूज्य स्वामी जी से निवेदन किया की आप माँ के लिये समर्पित है; पर्यावरण संरक्षण का विश्व स्तर अलख जगा रहे है हम भी अपने सामथ्र्य के अनुसार इस अभियान के लिये आगे आयंेगें। उन्होने परमार्थ तट पर स्वच्छ और निर्मल रूप से प्रवाहित हो रही माँ गंगा को देखकर गदगद स्वर में कहा कि कानपुर में भी स्वच्छ व अविरल गंगा ले जाने के लिये हम स्वामी जी के साथ है।
माँ गंगा के तट पर पूज्य स्वामी जी ने श्री राजू श्रीवास्तव जी को शिवत्व का प्रतीक रूद्राक्ष का पौधा भेंट किया। श्री श्रीवास्तव जी ने इस भेंट का यादगार बताते हुये परमार्थ से विदा ली।
इस अवसर पर जीवा की अन्तर्राष्ट्रीय महासचिव साध्वी भगवती सरस्वती जी, परमार्थ निकेतन के व्यवस्थापक रामअन्नत तिवारी जी, श्री प्रमोद जी, राजेश दीक्षित परमार्थ गुरूकुल के आचार्य एवं ऋषिकुमार उपस्थित थे।