मिसाल: किसानों की मेहनत रंग लायी, रोपाई शुरू

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किसान अपनी फसल को अपने बच्चों जैसा प्यार करते हैं। यदि उन्हें अपनी फसल को नुकसान होने का अंदेशा होता है तो वे किसी भी हद तक गुजरने को तैयार रहते हैं। ऐसी ही एक मिशाल चमोली जिले के पोखरी विकास खंड के सांकरी गांव के ग्रामीणों ने दी है। चार साल से क्षतिग्रस्त नहर को श्रमदान से बनाकर पानी को खेतों तक पहुंचाया और धान की रोपाई शुरू कर दी है।
चमोली जिले के विकास खंड पोखरी के सांकरी गांव एक खुशहाल गांव है। दूर-दूर तक जहां तक नजर जाती है सीधे सपाट खेत नजर आते है, लेकिन दुर्भाग्य यह है कि पिछले चार साल से गांव के खेतों को सिंचित करने वाली नहर क्षतिग्रस्त पड़ी है। ग्रामीण इसके लिए कई बार प्रशासन से गुहार लगा चुके है, लेकिन हर बार उन्हें कोरे आश्वासन ही दिये जाते हैं। इस बार गांव के सभी लोगों ने मिलकर नहर बनाने का जिम्मा उठाया और श्रमदान से नहर बनाकर अपने खेतों तक पानी पहुंचाकर रोपाई शुरू कर दी है।
गांव की मुन्नी रावत, मनोरमा देवी, कुशला देवी, विनीता देवी, पूजा रावत, लीला रावत बताती हैं कि नहर की मरम्मत करवाने के लिए वे कई बार प्रशासन के पास गई। हर बार पैसे का रोना रोकर प्रशासन ने हाथ खड़े कर दिए। इस बार भी जब प्रशासन ने उन्हें यह आश्वासन दिया कि जिला योजना में नहर बनाने का प्रस्ताव रखा जाएगा तो वे समझ गये कि नहर नहीं बनने वाली है। उन्होंने स्वयं ही नहर बनाने के लिए सभी ग्रामीणों के साथ बैठक कर श्रमदान से नहर का निर्माण करवा लिया। हालांकि अभी भी यह नहर कच्ची है। बरसात आते ही क्षतिग्रस्त हो जाती है, लेकिन सभी लोग उसे ठीक कर पानी पहुंचा रहे हैं ताकि रोपाई का काम पूरा हो सके।