देहरादून, पहाड़ की लाइफ लाइन कही जाने वाली 108 एंबुलेंस सेवा के पहिये बजट के अभाव में थम गए हैं। प्रदेशभर में जहां इस कारण मरीजों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है, वहीं स्वास्थ्य विभाग व संचालक कंपनी के बीच इस पर ठन गई है।
108 का संचालन कर रही कंपनी जीवीके ईएमआरआइ का दावा है कि सरकार पर उसका करीब छह करोड़ से अधिक का बकाया है। जबकि विभाग का कहना है कि कंपनी को करीब तीन करोड़ का सरप्लस भुगतान किया हुआ है। बहरहाल आज इस मसले पर शासन स्तर पर बैठक बुलाई गई है।
बजट के अभाव में 108 का संचालन प्रभावित होना अब एक नियमित घटना बन गई। इस तरह की दिक्कत बार-बार आ रही है। होता यह है कि एंबुलेंस का संचालन ठप होने के बाद बजट जारी किया जाता है। जिसका खामियाजा गरीब मरीजों को भुगतना पड़ता है।
दरअसल 108 का संचालन कर रही जीवीके ईएमआरआइ एक गैर लाभकारी संस्था है और नियमानुसार इसका टीडीएस नहीं कटता। जबकि गत वर्षों में टीडीएस कटता रहा। ऐसे में विभाग ने संस्था को आयकर विभाग से गत वर्षों का टीडीएस प्राप्त करने के लिए कहा है। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि कंपनी के पास इस मद में करीब तीन करोड़ रुपये से अधिक का सरप्लस भुगतान है। कंपनी का 2008 में राज्य सरकार के साथ अनुबंध हुआ था और मार्च 2018 में यह अनुबंध समाप्त हो गया। जिसके बाद इसे सितम्बर 2018 तक छह माह का एक्सटेंशन दिया गया। सितम्बर में कंपनी को फिर एक बार छह माह का एक्सटेंशन दे दिया गया। इस बीच सरकार नए टेंडर की भी प्रक्रिया शुरू कर रही है।
विभाग यह मान रहा है कि कंपनी का करार खत्म होने बाद टीडीएस निधि का उपयोग राज्य हित में नहीं हो पाएगा। उस पर कंपनी ईंधन, रखरखाव व वेतन के बजाए अब तक जारी रकम का इस्तेमाल प्रशिक्षण, रिक्रूटमेंट आदि में करती रही है।
बुधवार को सचिवालय में बैठक
मामले में 108 सेवा के स्टेट हेड मनीष टिंकू ने बताया कि हालिया एक्सटेंशन से पहले ही हमारी ओर से यह स्पष्ट कर दिया था कि इस स्थिति में हम काम नहीं कर पाएंगे। जिस सरप्लस की बात की जा रही है उसे मिलाकर भी सितम्बर तक का ही भुगतान बनता है। जबकि एमओयू के तहत विभाग को तीन माह का एडवांस पेमेंट करना होता है। वहीं, दूसरी ओर स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. टीसी पंता का कहना है कि 108 आपातकालीन सेवाओं के पास करीब तीन करोड़ से अधिक का सरप्लस अमाउंट है। बुधवार को सचिवालय में इस संबंध में एक बैठक आयोजित की जा रही है। कंपनी प्रतिनिधियों को कहा गया है कि वह अपने तमाम दस्तावेज साथ लेकर आएं।