जुनियाली: पेश है उत्तराखंड की पहली म्यूज़िकल डांसिग गुड़िया

देहरादून: जुनियाली का जन्म 6 अक्टूबर 2019 को हुआ था। क़रीब एक फुट लंबी यह उत्तराखंड की पहली म्यूज़िकल गुड़िया है और कुछ समय में ही इसने लोगों के बीच अपनी अलग जगह बना ली है। जुनियाली की ख़ास बात है कि यह इसमें फीड गढ़वाली और कुमाऊँनी गीतों पर थिरकती है।इसके चमकीली पंख अंधेरे में चमकते हैं, इसकी खूबसूरत 3-डी आँखें इसमें जीवन भरती है, और इसके रंग बिरंगे कपड़े इस गुड़िया की ख़ूबसूरती में चार चाँद लगाते हैं।

“जुनियाली” तीन अलग अलग जगहो में रहने वाले तीन दोस्तों के साझे सपने का नतीजा है। दुबई में काम करने वाले दीप नेगी ने हमें बताया कि, “गुड़गाँव में काम करने वाले पंकज अधिकारी और अक्की अधिकारी के साथ मिलकर हमने उन अभिभावकों के सपनों को पूरा करने का मन बनाया जो अपने बच्चों को अपनी संस्कृति और परंपराओं से रूबरू कराना चाहते हैं। काफ़ी शोध करने के बाद हमने इस गुड़िया को बनाया और यह काफ़ी हद तक आपको उत्तराखंडी संस्कृति के पास लेकर जाती है।”
जुनियाली का निर्माण एक ऐसी कंपनी के अंतर्रगत हुआ है जो आने वाले समय में ऐसे कई उत्पाद लाना चाहती है जो न केवल पहाड़ी संस्कृति के प्रचार प्रसार में काम आये बल्कि पहाड़ों से पलायन को कम करने में भी कारगर साबित हो।
जुनियाली का निर्माण उत्तराखंड और दिल्ली में हुआ है। जुनियाली के पारंपरिक परिधान में घाघरा, गुलाबंद, पिछौड़ा, तल्खा, कोटी, पहाड़ी टोपी, घिल्डा, टोकारी आदि शामिल हैं।इसके साथ साथ इसमें और परिधान जोड़ने का विकल्प भी मौजूद है।
दीप आगे बताते हैं कि, “जुनियाली को लोगों के बीच काफ़ी पसंद किया जा रहा है, जो हमारी टीम के लिये काफी ख़ुशी की बात है। यह उत्पाद न केवल क्रियेटिव है बल्कि साथ ही साथ लोगों को उनकी सांस्कृतिक और पारंपरिक विरासत से रूबरू कराने के हमारे सपने को भी पूरा करती है।”
 
आज के डिजिटल युग में जहां बच्चे चूला भांडी, गुड्डा गुड़िया, पिट्ठू, राज जैसे पारंपरिक खेलों को भूलते जा रहे हैं, ऐसे में जुनियाली इस खाई को भरने में एक बड़ी भूमिका निभा रही है।