उत्तराखंड में कोरोना वायरस के कोहराम के बीच स्वाइन फ्लू से निपटने की चुनौती खड़ी हो गई है। प्रदेश में स्वाइन फ्लू के अब तक नौ पॉजिटिव मामले सामने आए हैं और इस बीमारी की वजह से एक महिला की मौत हो गई।
कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के प्रबंधन में जुटी सरकार के सामने नई चुनौती
स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि स्वाइन फ्लू से संक्रमित महिला को अन्य बीमारी भी थी।सरकार कोरोना वायरस को महामारी घोषित कर चुकी है। स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि अब तक स्वाइन फ्लू के 101 सैंपल जांच के लिए भेजे हैं। इसमें नौ सैंपल में स्वाइन फ्लू पाजिटिव पाया गया है। जौलीग्रांट स्थित एक निजी अस्पताल में एक महिला की स्वाइन फ्लू से मौत हुई है।
स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. अमिता उप्रेती ने कहा कि स्वाइन फ्लू की रोकथाम के लिए सभी जरूरी कदम उठाए गए हैं। अभी तक प्रदेश में इससे एक महिला की मौत हुई है। कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग ने होम्योपैथिक डॉक्टरों की सेवाएं लेनी शुरू की हैं। निदेशक होम्योपैथिक डॉ. राजेंद्र सिंह ने पांच डाक्टरों को सीएमओ देहरादून के अधीन करने के आदेश जारी किए हैं।
इस आदेश के मुताबिक राजकीय होम्योपैथिक चिकित्सालय सभावाला के डॉ. एक्यू अंसारी, देहरादून के डॉ. प्रदीप डबराल, मसूरी के डॉ. हिमानी भंडारी, कालसी के डॉ. ज्योति गुप्ता और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र राजवाला में संविदा पर तैनात डॉ. रुचि माथुर को एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन और आईएसबीटी बस स्टैंड पर मेडिकल टीमों में तैनात किया गया है। होम्योपैथिक विभाग ने कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम के लिए राजकीय होम्योपैथिक चिकित्सालय विधानसभा के प्रभारी डॉ. विनोद शर्मा को देहरादून जिले का नोडल अधिकारी नियुक्त किया है।