नौनिहालों को अंडा खिलाना शिक्षकों को पड़ रहा भारी

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Mid-day Meal Children Akshaya Patra

(विकासनगर) नौनिहालों को पौष्टिक आहार के तौर पर मध्याह्न भोजन योजना के तहत अंडा खिलाना गुरु जी को भारी पड़ रहा है। विभाग द्वारा विद्यालयों को पांच रुपये प्रति अंडे की दर से एक माह का बजट मुहैया कराया जा रहा है, जबकि बाजार में इन दिनों प्रति अंडा सात रुपये की दर से बिक रहा है। ऐसे में नौनिहालों के पौष्टिक आहार के लिए शिक्षकों को अपनी जेब ढीली करनी पड़ रही है। दबी जुबान में शिक्षक इसे नौनिहालों के बहाने आर्थिक शोषण करार दे रहे हैं।
गत वर्ष शिक्षा विभाग ने एमडीएम योजना के तहत सप्ताह में एक दिन नौनिहालों को अंडा खिलाने का फरमान जारी किया था। पिछले वर्ष शिक्षकों ने बमुश्किल अंडे की व्यवस्था कर दी थी लेकिन इस वर्ष सर्दियां शुरू होते ही बाजार में अंडे के बढ़े दामों ने शिक्षकों की हालत पतली कर दी है। सबसे अधिक परेशानी उन विद्यालयों के शिक्षकों को झेलनी पड़ रही है जहां छात्र संख्या सौ से अधिक है। यहां प्रति अंडा दो रुपये शिक्षकों को अपनी जेब से लगाने पड़ रहे हैं। जबकि कई विद्यालयों में आज भी छात्र संख्या तीन सौ या उससे अधिक है। सहसपुर ब्लॉक के प्रावि में छह पचास नौनिहाल अध्ययनरत हैं। ऐसे में प्रति सप्ताह शिक्षकों को 1200 से अधिक रुपये अपनी जेब से खर्च करने पड़ रहे हैं। अब दबी जुबान में शिक्षक इसे नौनिहालों के बहाने खुद का आर्थिक शोषण भी करार देने लगे हैं।
गोपनीयता की शर्त पर कुछ शिक्षकों ने बताया कि विभाग द्वारा बाजार मूल्य के अनुरूप अंडे की कीमत मुहैया नहीं कराई गई तो विद्यालयों में अंडा खिलाना बंद कर दिया जाएगा। उधर, अपर निदेशक सर्व शिक्षा डॉ मुकुल कुमार सती ने कहा कि जीएसटी लगने के बाद बढ़े दाम के अनुसार भुगतान करने के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा जा रहा है। जबकि बढ़ी हुई कीमत के आधार पर भुगतान नहीं होता तब तक शिक्षक अपने विवेक से अंडे के बजाय नौनिहालों को फल या गुड़ पापड़ी खिला सकते हैं।