जिले में एक ऐसा भी गांव है, जहां पिछले करीब 8 सालों से प्रशासन की लापरवाही के चलते 40 परिवारों को मतदान करने का अधिकार नहीं मिला है। इस गांव के ग्रामीण आलाधिकारी से लेकर मुख्यमंत्री तक कई बार गुहार लगा चुके हैं, लेकिन बीते आठ सालों से 170 ग्रामीण मतदान के अधिकार से वंचित हैं।
दरअसल, मामला झबरेड़ा विधानसभा के मंगलौर कोतवाली क्षेत्र के मुंडियाकी गांव का है। जहां बीते कई वर्षों से आस पास के गांव से आकर मुंडियाकी गांव में एक साथ 40 परिवार आकर बस गए। उत्तराखंड सरकार ने इन लोगों को राशनकार्ड, आधार कार्ड, बिजली कनेक्शन व जमीन दस्तावेज तो मुहैया करा दिए, लेकिन प्रशासनिक अधिकारियों की लापरवाही के चलते चुनाव में मतदान का अधिकार अभी तक इन लोगों को नहीं दिया गया है। बता दें कि इन 40 परिवारों में लगभग 170 मतदाता है, लेकिन अभी तक उन्हें मतदान करने से वंचित रखा गया है।
विधायक से लेकर मंत्रियों तक गुहार लगा चुके इन ग्रामीणों को अभी तक भी मतदाता पहचान-पत्र भी नहीं बनाया गया है। जबकि, संविधान अनुसार भारत में रहने वाले 18 वर्ष से अधिक आयु के लोगों को मतदान देने का अधिकार देता है। पिछले करीब 8 सालों से लगातार प्रशासनिक अधिकारियों के दफ्तरों में चक्कर लगाने पर मजबूर इन ग्रामीणों की कोई सुनवाई नहीं हुई है। मतदान का अधिकार ना मिलने से मायूस परिवार परेशानियों का शिकार हो रहे हैं। पढ़ाई के लिए बच्चों को स्कॉलरशिप सहित कई योजनाओं से वंचित होना पड़ रहा है।
ऐसी स्थिति में विभागीय अधिकारियों की बड़ी लापरवाही उजागर हो रही है। जब इस बारे में रुड़की ज्वाइंट मजिस्ट्रेट अंशुल सिंह से बात की तो उन्होंने बताया कि मामला उनके संज्ञान में है और जल्द ही संबंधित कर्मचारियों को इन लोगों को मतदान लिस्ट बनाए जाने का आदेश दिया गया है। जबकि विधानसभा चुनाव की तैयारी शुरू हो गई है।