ऋषिकेश:- होली का त्यौहार रंगो के साथ साथ आपसी भाई चारे और प्यार का त्यौहार है ,जिसका हर कोई लुफ्त उठाता है। बात करे ऋषिकेश की तो यहाँ भी गंगा किनारे देशी-विदेशी लोगो ने होली खेली और जमकर इस रंगों के त्यौहार का लुफ्त उठाया।
ऋषिकेश के गंगा के तट पर होली की मस्ती का खुमार चड़ने लगा है , देश के साथ विदेशो से आये पर्यटक भी होली के रंग कि मस्ती में डूबने लगे है। ऋषिकेश के गंगा तट पर रंगो की मस्ती का जादू कुछ अलग ही देखने को मिला, यहाँ विदेशियों से आये सैलानियों ने रंगों का त्यौहार होली को बड़े ही धूम धाम से मनाया।होली की मस्ती का खुमार विदेशियो पर कुछ इस तरह चढ़ा कि सब होली की मस्ती में सुबह से ही नाच गाने में डूबे रहे। देशी विदेशी पर्यटक होली के रंग में खूब मस्ती करते दिखे। अलग अलग देशों से आये पर्यटकों ने गंगा किनारे होली का लुफ्त उठाया।
ऋषिकेश चार धाम का प्रवेश द्वार होने के कारण विभिन्न संस्कृति और रीती रिवाज का भी एक केंद्र है, ऐसे में होली का त्यौहार यहाँ आकर बसे पूरब और पछिम के लोगो को एक सूत्र में बांधता है। होली एक ऐसा त्यौहार है जो बच्चे और बुजुर्गो दोनों में जिन्दगी के रंग भर देता है। रंगों के इस त्यौहार में हर कोई फ़ाग की मस्ती में डूबा हुआ है और होली को गुलार और हर्बल रंगों से सुरक्षित मना रहा है।
रंगों के इस त्यौहार में एक अलग रंग है यहाँ की परम्परा का जो नये चलन के बाद भी आज भी अपनी संस्कृति को संजोए हुए है , समय की कमी भी होली की मस्ती को रोक नहीं पाती ,हर कोई ढोलक की धाप और रंगों की महक में सराबोर होने के लिए तैयार रहता है।