होली का त्यौहार रंगो के साथ साथ आपसी भाई चारे और प्यार का त्यौहार है ,जिसका हर कोई लुफ्त उठाता है। बात करे ऋषिकेश की तो यहाँ भी गंगा किनारे देशी-विदेशी लोगों ने होली खेली और जमकर इस रंगों के त्यौहार का लुफ्त उठाया। सुबह से ही ऋषिकेश के गंगा तट पर होली की मस्ती का खुमार चड़ने लगा। विदेशों से आये पर्यटक भी होली के रंगों की मस्ती में डूब गये। ऋषिकेश के गंगा तट पर रंगो की मस्ती का जादू कुछ अलग ही देखने को मिला। यहाँ विदेशों से आये सैलानियों ने रंगों के त्यौहार होली को बड़े ही धूम धाम से मनाया। होली की मस्ती का खुमार विदेशियों पर कुछ इस तरह चढ़ा कि सब होली की मस्ती में सुबह से ही नाच गाने में डूबे रहे। देशी विदेशी पर्यटक होली के रंग में खूब मस्ती करते दिखे। अलग अलग देशों से आये पर्यटकों ने गंगा किनारे होली का लुफ्त उठाया।
ऋषिकेश चार धाम का प्रवेश द्वार होने के कारण विभिन्न संस्कृति और रीती रिवाज का भी एक केंद्र है। ऐसे में होली का त्यौहार यहाँ आकर बसे पूरब और पछिम के लोगों को एक सूत्र में बांधता है। होली एक ऐसा त्यौहार है जो बच्चे और बुजुर्गों दोनो में जिन्दगी के रंग भर देता है। रंगों के इस त्यौहार में हर कोई फ़ाग की मस्ती में डूबा गया और होली को गुलाल और हर्बल रंगों से सुरक्षित भी बनाया। इजराइल अमेरिका जापान और चीन से आये आना ,रिचर्ड का कहना है कि होली की मस्ती भारत में देखने लायक है। रंगों के इस त्यौहार में एक अलग रंग है यहाँ की परम्परा का जो नये चलन के बाद भी आज भी अपनी संस्कृति को संजोए हुए है। समय की कमी भी होली की मस्ती को रोक नहीं पाती ,हर कोई ढोलक की धाप और रंगों की महक में सराबोर होने के लिए तैयार रहता है।