पर्वतारोहण और ट्रेकिंग पर लगी रोक वन विभाग ने हटाई

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देहरादून, हाईकोर्ट के आदेश के बाद वन विभाग ने पर्वतारोहण एवं उच्च हिमालई क्षेत्रों में ट्रेकिंग पर रोक लगा दी थी, मामले से जुड़े लोगों का विरोध लगातार जारी रहा, पर्यटन व्यवसाइयों की मांग पर मुख्यमंत्री के दखल के बाद प्रमुख वन संरक्षक जयराज ने बुग्यालों में रात्रि विश्राम पर रोक जारी रखकर अन्य गतिविधियां जैसे पर्वतारोहण और ट्रेकिंग अभियानों को अनुमति का आदेश जारी कर बड़ी राहत दी है। बुग्याल क्षेत्रों में रात को ठहरने और ट्रेकिंग, पर्वतारोहण सहित साहसिक गतिविधियों पर लगी रोक वन विभाग ने हटा दी है। इसके लिए बुग्यालों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए अंडर टेकिंग लेने का सुझाव दिया गया है। इसके अलावा हाईकोर्ट के आदेशों को भी सख्ती से पालन करने के निर्देश दिए गए हैं।

हाईकोर्ट ने 21 अगस्त को अली-बेदनी-बागजी बुग्याल संरक्षण समिति की याचिका का निस्तारण करते हुए बुग्यालों में रात्रि निवास पर रोक लगाने के आदेश दिए थे। इस आदेश पर वन विभाग ने राज्य में बुग्याल क्षेत्रों में पड़ने वाले ट्रेकिंग, पर्वतारोहण, प्रकृति पर्यटन, बर्ड वॉचिंग आदि गतिविधिया रोक दी थीं। इससे राज्य को आने वाले पर्यटक हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर आदि राज्यों को जाने लगे थे और राज्य के साहसिक पर्यटन से जुड़े लोगों के साथ स्थानीय लोगों को आर्थिक नुकसान हो रहा था।

इस मामले में गत दिनों हरकीदून प्रोटेक्शन एंड माउंटनेरिंग एसोसिएशन के नेतृत्व में साहसिक पर्यटन से जुड़े कारोबारियों ने मुख्यमंत्री से मुलाकात की थी। बीते मंगलवार को इस मामले में मुख्य सचिव ने वन, पर्यटन और न्याय विभाग के साथ बैठक की। जिसके बाद प्रमुख वन संरक्षक जय राज ने, “सभी डीएफओ, पार्क निदेशक को पत्र भेज कर कहा है कि बुग्यालों को नुकसान से बचाने के लिए रात्रि विश्राम बुग्याल के आस-पास दूसरे सुरक्षित स्थानों पर करने पर कोई पाबंदी नहीं है। उन्होंने अधीनस्थों से कहा कि यदि बुग्याल या संबंधित क्षेत्र में कोई नुकसान की आशंका है तो ऐसे में ट्रेकिंग और पर्वतारोहण दल से अंडर टेकिंग लिया जा सकता है। इसमें पर्यावरण संरक्षण की जिम्मेदारी तय की जा सकती है।”