राज्य में फायर सीज़न शुरु लेकिन वनकर्मी हड़ताल पर,कैसे होगी सुरक्षा

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देहरादून, उत्तराखंड में गर्मियों का मौसम आते ही जंगलों पर इसका असर साफ देखा जा सकता है। वन विभाग फायर सीजन की तैयारियां पहले से ही शुरु कर देता है, जंगलों में फायर लाइन बनाना पत्तों को जलाना और लोगों को जागरूक करना यही सारे काम उत्तराखंड वन विभाग हर फायर सीजन की शुरुआत पर करता है, लेकिन वन विभाग के कर्मचारियों के द्वारा हड़ताल आहूत की गई है जिसके चलते फायर सीजन में सरकार की मुसीबत बढ़ने की आशंका है। अगर जल्द ही सरकार ने वन कर्मियों की मांगों पर गौर नहीं किया तो आने वाले दिनों में उत्तराखंड में वन संपदा का भारी नुकसान होने की संभावना है।

गौरतलब है कि वन विभाग में कार्यरत वन आरक्षियों ने 2 सूत्री मांगों को लेकर राज्य स्तर पर अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी है। यह वन आरक्षी विभाग द्वारा वन दरोगा की सीधी भर्ती 33 प्रतिशत पदों पर भर्ती के शासनादेश को निरस्त करने की मांग कर रहे हैं, साथ ही 10 साल सेवा के बाद प्रमोशन की बाध्यता को भी समाप्त करने की मांग कर रहे हैं, ऐसे में उत्तराखंड के वन संपदा पर हड़ताल का असर पड़ना स्वाभाविक है।

वही कर्मचारियों की हड़ताल पर आरक्षी संघ के पदाधिकारी को कहना है कि कई सालों से हमारी बातों को सुना नहीं जा रहा है जिसके चलते उन्हें हड़ताल करने के लिए बाध्य होना पड़ा, अगर शासन जल्द ही इस पर कार्यवाही नहीं करता और उनकी मांगों को नहीं सुनता तो हड़ताल को और तेज कर दिया जाएगा।

वर्तमान में कुमाऊ सहित गढ़वाल क्षेत्र और राजाजी नेशनल पार्क के सभी रेंज ऊपर बीट अधिकारी और वन आरक्षी अनिश्चितकालीन कार्यबहिष्कार और हड़ताल पर चले गए हैं फायर सीजन की शुरुआत नहीं वन विभाग की यह हड़ताल अब क्या गुल खिलाएगी यह देखना बाकी है