भारतीय वायु सेना से उत्तराखंड की वनाग्नि बुझाने के लिए मिले दो में से एक हेलीकॉप्टर ने सोमवार को टिहरी झील से पानी लेकर आग बुझाने में अपना योगदान दिया। वहीं कुमाऊं मंडल में वनाग्नि बुझाने के लिए आया हेलीकॉप्टर भीमताल झील के पास नहीं आ पाया।
ऐसा इसलिए कि यहां वनाग्नि की वजह से एवं मैदानी क्षेत्रों की ओर से आई वातावरण में फैली धुंध की वजह से दृश्यता बेहद कम हो गई। इस कारण हेलीकॉप्टर ने यहां पानी लेने के लिए आने का प्रयास किया किंतु वह इसमें सफल नहीं हो पाया। कुमाऊं मंडल में वनाग्नि बुझाने के लिए प्रयोग होने वाले हेलीकॉप्टर के नोडल प्रभारी नैनीताल के प्रभागीय वनाधिकारी बीजू लाल टीआर ने बताया कि दृश्यता बेहद कम है और लगातार घट रही है। सूरज भी नजर नहीं आ रहा है। इस कारण हेलीकॉप्टर नहीं आ पा रहा है। एक घंटे बाद हेलीकॉप्टर के पुनः प्रयास किए जाने की संभावना है
उधर भारतीय वायु सेना के हेलीकॉप्टर ने टिहरी गढ़वाल के कोटी कॉलोनी इलाके में पास के जंगलों में अग्निशमन अभियानों में भाग लिया। 5000 लीटर क्षमता वाली बाम्बी बकेट की मदद से टिहरी झील से पानी का छिड़काव किया जा रहा है। पहले दौर में अडवानी के जंगल में पानी का छिड़काव किया गया। गौरतलब है कि इससे पहले वर्ष 2016 में जंगलों की आग पर नियंत्रण को सेना के हेलीकाप्टरों की मदद ली गई थी।
लेकिन दोपहर के आस पास टिहरी में भी हेलीकॉप्टर से जंगलों में आग बुझाने का ऑपरेशन रोकना पड़ा। मौसम ख़राब होने की वजह से सिर्फ़ 2 राउंड पानी का छिड़काव हो सका। टिहरी झील से पानी लेकर नरेंद्रनगर के जंगलों पर हुआ छिड़काव, अब कल फिर शुरू होगी क़वायद।