ऋषिकेश। देवभूमि उत्तराखण्ड के तीर्थ और योग नगरी ऋषिकेश में शीघ्र ही स्मृति वन की कार्य योजना धरातल पर नजर आएगी। स्मृति वन योजना के अंतर्गत चारधाम यात्रा एवं हरिद्वार-ऋषिकेश आने वाले तीर्थयात्री और पर्यटकों द्वारा अपने पूर्वजों एवं माता-पिता के नाम से पौधरोपण किया जाएगा। इससे एक बृहद स्मृति वन तैयार होगा। स्मृति वन की रूपरेखा का खाका गढ़वाल आयुक्त बीवीआरसी पुरुषोत्तम द्वारा तैयार किया गया है। इसमें हरिद्वार-ऋषिकेश सहित चारधाम में पौधरोपण किया जाना है।
उपप्रभागीय वनाधिकारी बीबी मार्तोलिया ने श्यामपुर में एक गोष्ठी में बताया कि स्मृति वन कार्य योजना छह चरणों मे क्रियान्वित होगी। इससे न केवल स्मृतिवन तैयार होगा बल्कि पौधरोपण करने वाले पर्यटक और श्रद्धालु उच्च तकनीकी पर आधारित मोबाइल ऐप्लीकेशन से अपने द्वारा रोपित पौधे की प्रगति और विकास को को भी देख सकेंगें।
वन क्षेत्राधिकारी ऋषिकेश आरपीएस नेगी ने बताया कि, “प्रभागीय वनाधिकारी देहरादून द्वारा योजना के क्रियान्वयन के लिए भूमि चयन के आदेश पर ऋषिकेश वन क्षेत्र के कक्ष संख्या दो लाल पानी वन बीट में दो हेक्टेयर भूमि का चयन किया गया है। इसमें स्मृति वन तैयार किया जाएगा।”
उपप्रभागीय वनाधिकारी की उपस्थिति में स्मृति वन की स्थापना के लिए वन विभाग ऋषिकेश स्थित लाल पानी चौकी में बैठक आयोजित की गई। इसमें सर्व सम्मति से अठुर भागीरथी स्वयं सहायता समूह का गठन किया गया है। पर्यावरण के क्षेत्र में सराहनीय योगदान दे रहे पर्यावरणविद विनोद जुगलान को अध्यक्ष और दुधु पानी निवासी रमेश चन्द्र बेलवाल को कोषाध्यक्ष जबकि तेज राम, शीला देवी, विमला देवी, सरोजनी नेगी, सीता देवी सर्व सहमति से सदस्य मनोनीत हुए।