देहरादून। बीमा एजेन्ट बताकर दून निवासी एनके शुक्ला से 85 लाख रूपये की ठगी करने वाले तीन आरोपियों को उत्तराखंड पुलिस ने दिल्ली से गिरफ्तार किया है। अरोपियों के पास से पांच मोबाइल फोन और दस सिमकार्ड बरामद हुआ है। आरोपियों ने अपने आप को बिरला सनलाईफ इंश्योरेंस का एजेन्ट बताकर एनके शुक्ला को बीमा पॉलिसी सरेन्डर करने में मदद का आश्वासन देकर ठगी की घटना को अंजाम दिया था। इस संबंध में एनके शुक्ला ने थाना बसंत विहार पर बीते 17 दिसम्बर को मामला दर्ज कराया था।
पुलिस ने बताया कि एनके शुक्ला ने मैक्स न्यू इंश्योरेंस कम्पनी से तीन बीमा पॉलिसी करायी थी। जिनको वे बंद कराना चाहते थे। गिफ्तार आरोपियों ने अपने आप को बिरला सनलाईफ इंश्योरेंस के एजेन्ट बताकर इन्हे बीमा पॉलिसी सरेन्डर करने में मदद का आश्वासन देकर लगातार उनके सम्पर्क में बने रहे। एनके शुक्ला इनके झांसे में आ गये। आरोपियों कुछ दिनों बाद कम किस्त जमा करने व पॉलिसी से ज्यादा पैसे दिलवाने का लालच देकर अलग-अलग करीब 17 मोबाईल नम्बरों का प्रयोग कर तथा अलग अलग एजेन्ट बताकर एनके शुक्ला के पेंशन एकाउन्ट की भी जानकारी हासिल कर ली तथा फर्जी एकाउन्ट में एनके शुक्ला से पैसे भी डलवाये गये। पेंशन एकाउन्ट की जानकारी हाथ लगने पर आरोपियों पेंशन एकाउन्ट को हैक करके करीब 85 लाख रूपये अपने फर्जी एकाउन्ट में ट्रान्सफर करा लिये थे।
मामले की जांच कर रही पुलिस और एसओजी की संयुक्त टीम को शनिवार को मुखबिर द्वारा आरोपियों के दिल्ली के थाना कल्याणपुरी थाना क्षेत्रान्तर्गत त्रिलोकपुरी में मौजूद होने की जानकारी मिली। पुलिस टीम ने सर्विलांस व मुखबिर की मदद से त्रिलोकपुरी व्लॉक 25 पार्क दिल्ली से अभियुक्त रोशन कुमार सिंह पुत्र मणिकान्त प्रसाद सिंह निवासी ग्राम सरोनी, थाना साकुन, जिला भागलपुर, बिहार, रमेश चन्द पुत्र जीतू प्रसाद निवासी 25/109 त्रिलोकपुरी, थाना कल्याणपुरी, नई दिल्ली, विनय कुमार पुत्र रामपाल शर्मा निवासी मौ.खतराना, थाना बिलग्राम, जिला हरदोई, उप्र को गिरफ्तार किया है।
अभियुक्तों ने पूछताछ में बताया कि वे बीएसजी कॉल सेंटर नोएडा में मोबाईल ऑपरेटर का काम करते थे तथा पूरे भारत के विभिन्न राज्यों के कस्टमरों को पॉलिसी बेचने के लिये कॉल करते थे, इस कार्य के लिये पॉलिसी कम्पनी इन लोगों को कस्टमर डाटा उपलब्ध कराती थी, इस डाटा में कस्टमर का पूरा नाम, पता, मोबाईल नम्बर, पॉलिसी की सम्पूर्ण जानकारी होती थी। अभियुक्त कम्पनी से प्राप्त डाटा को चोरी कर लेते थे तथा ऐसे कस्टमर को चिन्हित करते थे जिनकी लगभग एक साल की किस्त लेप्स होती थी, फिर ये लोग चुराये गये डाटा की मदद से कस्टमर को कॉल करते थे कि उनकी बंद पडी पॉलिसी को फिर से शुरू कर पॉलिसी रेन्यू कराकर पॉलिसी की अवधि शॉर्ट टाईम करने व पूरा पैसा दिलाने का लालच देते थे। और अलग-अलग एकाउन्टों में पैसे डलवाते थे। आरोपियों ने एनके शुक्ला से वर्ष 2013 से वर्ष 2017 तक करीब 85 लाख रूपये हडप लिये।
पुलिस ने बताया कि अभियुक्त विनय के द्वारा शुक्ला को किये गये फोन नम्बर पर ट्रू कॉलर में सीबीआई लिखा आता था जिस पर शुक्ला को संदेह हुआ तथा उन्होंने इसकी जानकारी पुलिस को दी। ये लोग भिन्न-भिन्न मोबाईल नम्बरों से भिन्न-भिन्न नामों से शुक्ला से बात करते थे। धोखाधडी से प्राप्त किये गये पैसो की जानकारी व एकाउन्ट नम्बरों की विस्तृत जानकारी के लिये अभियुक्तों को पुलिस रिमांड पर लिया जायेगा। अन्य अभियुक्त सुनील कुमार व सोनू कुमार की तलाश के लिए पुलिस टीमें गठित कर दिल्ली व आसपास के क्षेत्रों में भेजी गई है।