हरिद्वार। उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में उत्तराखंड के आंदोलनकारियों को बैठने के लिए कुर्सी तक नहीं मिली। कार्यक्रम में आमंत्रित आंदोलनकारी इस पर मंच के सामने ही जमीन पर बैठ गए। आंदोलनकारियों को मनाने जिलाधिकारी दीपक रावत की कोशिश भी नाकाम रही। खुद कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने भी आंदोलनकारियों को मंच से ही मनाने का प्रयास किया लेकिन आंदोलनकारी जमीन से उठने को राजी नहीं हुए। आंदोलनकारियों की इस स्थिति ने कार्यक्रम में मौजूद लोगों को असहज किया। हालांकि, कई लोगों ने आंदोलनकारियों के सम्मान में कुर्सी खाली कीं। ये नजारा ऋषिकुल ऑडिटोरियम में देखने को मिला।
राज्य सरकार की ओर से ऋषिकुल ऑडिटोरियम में उत्तराखंड स्थापना दिवस का भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में उत्तराखंड आंदोलनकारियों के साथ-साथ नगर के गणमान्य नागरिकों व सभी विभागों को आमंत्रित किया गया। कार्यक्रम स्थल पर मंच के सामने की दो कतारों की कुर्सियां राज्य आंदोलनकारियों के लिए रिजर्व की गई थी लेकिन कार्यक्रम शुरू होने तक राज्य आंदोलनकारी वहां नहीं पहुंचे। इसके चलते दूसरे गणमान्य नागरिक उन कुर्सियों पर बैठ गए। इसी दौरान राज्य आंदोलनकारियों का नेतृत्व करने वाले जेपी पांडे उत्तराखंड की जय जय कार के नारे लगाते हुए कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे। आंदोलनकारियों को बैठने के लिए वहां कुर्सी नहीं मिली तो आंदोलनकारी असहज हो गए। जेपी पांडे ने सभी लोगों को मंच के सामने नीचे बैठने को कहा। इसके बाद सभी आंदोलनकारी नीचे बैठ गए। आंदोलनकारियों को नीचे बैठते ही जिलाधिकारी दीपक रावत ने सभी आंदोलनकारियों को मनाने का प्रयास किया। उनको कुर्सी पर बैठने को कहा। कई गणमान्य लोगों ने आंदोलनकारियों के सम्मान में कुर्सी भी खाली कर दी पर जिद पर अड़े आंदोलनकारी जमीन से उठने को राजी नहीं हुए। इसके बाद खुद कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने भी आंदोलनकारियों को उठकर कुर्सी पर बैठने को कहा, लेकिन वह तब भी नहीं उठे। जिला सूचना अधिकारी अर्चना ने महिलाओं को कुर्सी पर बैठने के लिए मनाने का प्रयास किया। महिलाएं भी जिला सूचना अधिकारी अर्चना की बात पर भी जमीन से उठने को राजी नहीं हुई। हालांकि, इस बीच जेपी पांडे खुद कुर्सी पर बैठ गए, लेकिन तमाम महिलाएं जमीन पर ही बैठी रही।