देहरादून, योग कंदराओं से निकलकर अब पूरे विश्व को एक सूत्र में बांध रहा है। योग की धरती ऋषिकेश कई योग आचार्यों की कर्म स्थली रही है, यहां से निकल कर भारतीय योग ने विदेशी धरती पर अपनी धाक जमाई और आज यह आलम है कि भारतीय योग को सीखने के लिए बड़ी संख्या में देशी विदेशी योग प्रेमी उत्तराखंड ऋषिकेश में आते हैं ।
इस बार का अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव कुछ मायनों में खास होने जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कि विदेशों में बढ़ती लोकप्रियता कहीं ना कहीं भारतीयों को भी बढ़ावा देने में कारगर सिद्ध हो रही है। पिछले साल योग दिवस के अवसर पर ऋषिकेश के परमार्थ निकेतन पर नरेंद्र मोदी ने देश विदेश से आए योग प्रेमियों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संबोधित किया था और 2018 में नरेंद्र मोदी उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस को मनाने के लिए आ रहे हैं, जिसके लिए उत्तराखंड सरकार अति उत्साहित है।
क्योंकि उत्तराखंड में टूरिज्म और योग दो ऐसे क्षेत्र हैं जो यहां की आर्थिकी का एक बड़ा जरिया है। लेकिन सरकार की नीति हमेशा से इस तरह रही है कि योग से राज्य को कोई बड़ा फायदा नहीं मिल पाया। हालांकि ऋषिकेश में पर्यटक हर साल बड़ी संख्या में आकर भारतीय योग को सीखते हैं और अपने देश जाकर इस योग से एक अच्छा व्यवसाय शुरू करते हैं। नरेंद्र मोदी का उत्तराखंड आना राज्य के लिए कई मायनों में अति महत्वपूर्ण होने जा रहा है, जिससे भारतीय योग को विश्व भर में पहचान तो मिलेगी साथ ही राज्य के पर्यटन को भी गति मिल पाएगी, साथ ही इंफ्रास्ट्रक्चर पर हो रहे काम को प्रधानमंत्री अपने सामने तलब भी कर पाएंगे जिसको लेकर राज्य सरकार काफी उत्साहित है।
राष्ट्रीय योग दिवस के बहाने देहरादून स्थित एफ.आर.आई की खूबसूरत बिल्डिंग देश के साथ-साथ विदेशी पर्यटकों को भी लुभाएगी, जिसके लिए राज्य सरकार ने अपनी तैयारियों को तेजी के साथ शुरु कर दिया है। शुभ दिवस के लिए लगभग 60,000 से ज्यादा प्रतिभागियों को आमंत्रित किया जा रहा है, जो देहरादून के एफ.आर.आई परिसर में सामूहिक योग में हिस्सेदारी करके एक नया इतिहास रचेंगे और एफ.आर.आई की खूबसूरत बिल्डिंग प्रधानमंत्री के स्वागत के लिए और ज्यादा निखर जाएगी।