(हरिद्वार) गुरूवार को हरिद्नार में गंगा दशहरा के मौके पर हज़ारों की संख्या में लोगों ने गंगा में स्नान किया। ज्येष्ठ शुक्ल दशमी को हस्त नक्षत्र में स्वर्ग से गंगा का धरती पर अवतरण हुआ था। इसलिए इस दिन गंगा स्नान का विशेष महत्व है। गुरुवार को गंगा दशहरा (गंगा दशमी) पर हरकी पैड़ी ब्रह्मकुंड में श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई। हरिद्वार में गंगा दशहरा के मौके पर आस्था का सैलाब उड़ पड़ा है। श्रद्धालुओं ने गंगा स्नान के साथ अन्न-वस्त्रादि का दान, जप-तप-उपासना और उपवास किया। माना जाता है कि इससे दस प्रकार के पाप (तीन प्रकार के कायिक, चार प्रकार के वाचिक और तीन प्रकार के मानसिक) दूर होते हैं।
गंगा दशहरे पर देश के विभिन्न राज्यों से आए श्रद्धालुओं ने हरकी पैड़ी सहित गंगा के विभिन्न घाटों पर स्नान किया। हरिद्वार गंगा घाट हर हर गंगे के जयघोष से सुबह से गूंजने लगी। गंगा दशहरे का स्नान तड़के से शुरू हो गया था। जैसे-जैसे दिन चढ़ता रहा वैसे-वैसे गंगा के घाटों पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ने लगी।
गंगा दशहरे के दिन पितृ तर्पण का भी विशेष महत्व है। अनेक घाटों पर श्रद्धालुओं ने पित्रों को तर्पण दिया। गंगा के घाटों पर भक्तों ने पुरोहितों और पंडितों से धरती पर गंगा अवतरण की कथा भी सुनी। वहीं स्नान के मद्देनजर गंगा तट पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम हैं। हरकी पैड़ी, सुभाष घाट, लोकनाथ घाट, कुशावर्त घाट पर पुलिस बल के साथ गोताखोर भी तैनात हैं।
गंगा दशहरा स्नान पर्व का सकुशल सम्पन्न कराने एवं हरिद्वार में कानून एवं शांति व्यवस्था बनाये रखने के लिए जिलाधिकारी दीपक रावत ने नगर मजिस्ट्रेट हरिद्वार मनीष कुमार सिंह को जनपद प्रभारी नामित करने के साथ ही नगर हरिद्वार में 11 जोनल एवं 40 सेक्टर मजिस्ट्रेट्स की तैनाती की। मजिस्ट्रेट्स की ड्यूटी 23 मई से आरम्भ होकर स्नान पर्व की समाप्ति तक जारी रहेगी।
तैनात मजिस्ट्रेट्स हरिद्वार के नगर मजिस्ट्रेट मनीष कुमार सिंह से लगातार सम्पर्क बनाये रहे और कानून एवं शान्ति व्यवस्था सम्बन्धी सूचना तत्काल ही अपर जिला मजिस्ट्रेट (प्रशासन) एवं जिलाधिकारी को भी उपलब्ध कराते रहे। स्नान पर्व पर वीआईपी आगमन एवं भारी संख्या में श्रद्धालुओं के आगमन को देखते हुए भीड़ नियन्त्रण, अग्नि सुरक्षा, जल सुरक्षा आदि की व्यवस्था की गी।