ऋषिकेश, पहाड़ों में हो रही बारिश से गंगा के जलस्तर में वृद्धि हुई है। सुबह गंगा का जलस्तर 338.50 था जोकि दोपहर एक बजे तक 338.80 हो गया। हालांकि गंगा नदी अभी खतरे के निशान (340.50 मीटर) के नीचे बह रही है।
खदरी स्थित गांगा किनारे बने राजकीय पॉलिटेक्निक संस्थान को लेकर पर्यावरणविद और स्थानीय निवासी विनोद जुगलान ने चिन्ता व्यक्त की है। कहा कि पॉलीटेक्निक संस्थान को बाढ़ से बचाव के लिए तटबन्ध नहीं है। वर्ष 2013 में आई केदारनाथ आपदा के समय से क्षतिग्रस्त पुलिया सहित सुरक्षा दीवार का भी आज तक पुनर्निर्माण नहीं किया गया है। समय समय पर बाढ़ आने की सूचना देने पर भी आपदा प्रबंधन टीम का कोई अधिकारी भौतिक निरीक्षण को यहा नहीं पहुंचता है। आपदा प्रबन्धन को सूचना देने पर केवल पुलिसकर्मियों को भेजकर इतिश्री कर ली जाती है और बारिश का सीजन खत्म होने के बाद शिकायत ठण्डे बस्ते में चली जाती है।
स्थानीय युवाओं ने पॉलिटेक्निक संस्थान के सुरक्षा को तटबन्ध बनाये जाने की मांग की है।जिनमें मयंक जोशी, सुदीप बडोला, राहुल रावत, हरीओम सिंह, विशाल कुमार आदि प्रमुख हैं।