हरिद्वार। हरिद्वार के विभिन्न गंगा घाटों पर धोबी समाज के लोगों द्वारा टेन्ट, दरियां एवं गंदे कपड़े प्रतिबंध के बाद भी धोये जा रहे हैं। विभिन्न गंगा घाटों के अलावा जटवाड़ा पुल पर बड़ी संख्या में कपड़े धोने का कार्य लगातार जारी है। ऐसा कर गंगा को और ज्यादा प्रदूषित किया जा रहा है। एनजीटी के सख्त आदेशों के बाद भी शासन प्रशासन इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है। सामाजिक संस्थायें लगातार गंगा घाटों को स्वच्छ सुन्दर बनाने में सहयोग कर रही हैं, लेकिन कुछ लोगों द्वारा मान मर्यादाओं को ताक पर रखकर टेन्ट की दरियां, टेन्टों की धुलाई की जा रही है।
ज्वालापुर व्यापार मण्डल के विपिन गुप्ता ने कहा कि प्रशासन को गंगा घाटों का संज्ञान लेना चाहिये। गंगा घाटों पर कपड़े धोने के कारण अन्य लोगों की भावनायें भी आहत हो रही हैं। कपड़ों के धोने से मैला कुचैला पदार्थ गंगा के पानी में समाहित हो रहा है। जबकि कुछ लोग घाटों पर गंगा स्नान के लिए पहुंचते हैं। ऐसे में गंगा स्नान कर रहे लोगों को भी दिक्कतें झेलनी पड़ती है। स्पर्श गंगा अभियान के संयोजक शिखर पालीवाल ने कहा कि पूर्व में भी गंगा घाटों पर कपड़े धुलने की शिकायत की गई थी। शासन प्रशासन को ऐसे लोगों पर कार्यवाही करनी चाहिये।