गंगोलीहाट का जवान जम्मू कश्मीर में हुआ शहीद

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पिथौरागढ़। गंगोलीहाट का जवान जम्मू कश्मीर में शहीद हुआ। सूचना मिलते ही परिवार सहित गाव में शोक छाया।
गंगोलीहाट के बुंगली क्षेत्र के बदेनाकुण्ड गांव निवासी राजेन्द्र सिंह बुंगली शुक्रवार को अनन्तनाग जिले के काजीकुंदाताल में पेट्रोलिंग दल के साथ था। इसी दौरान आतंकवादी हमला हो गया। इस दौरान आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में सेना ने आतंकवादियों को मार गिराया। मुठभेड़ में राजेंद्र सिंह शहीद हो गया। शहीद राजेन्द्र सिंह 23 वर्ष पुत्र चंद्र सिंह परिवार का इकलौता पुत्र था। उसकी तीन बहने है। जिसमे एक कि शादी हो गई है। दो अभी अविवाहित है। शहीद के पिता चंद्र सिंह और माता मोहिनी देवी सदमे में है। राजेन्द्र सिंह तीन वर्ष पूर्व सेना में भर्ती हुआ था। वर्तमान में जाट रेजीमेंट में तैनात था। उसकी पोस्टिंग 15 दिन पूर्व जम्मू कश्मीर में हुई थी। शहादत की खबर मिलते ही परिवार सहित पूरे क्षेत्र में शोक छाया है। प्रशासन के अनुसार शहीद का पार्थिव शरीर के शनिवार तक पहुंचने की उम्मीद है।

सिपाही राजेंद्र सिंह सेना के उस क्विक रिएक्शन दस्ते का हिस्सा था, जो गत रोज सीमा सड़क संगठन के अधिकारियों व कर्मियों के वाहनों के काफिले की सुरक्षा का जिम्मा संभाले हुए था। वीरवार की शाम को करीब छह बजे जब यह काफिला जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित अनंतनाग में टी-जंक्शन पर पहुंचा तो अातंकियों व अलगाववादियों की समर्थक हिंसक भीड़ ने पथराव शुरू कर दिया। सिपाही राजेंद्र सिंह व उसके साथियों ने अपने वाहन से नीचे आकर पथराव कर रही भीड़ को चेतावनी देते हुए रास्ता खाली करने को कहा। लेकिन किसी ने नहीं सुना और पथराव की तीव्रता बड़ा दी।

इसी पथराव में एक पत्थर सिपाही राजेंद्र सिंह के सिर पर लगा और वह गंभीर रूप से घायल हो गया। उसके अन्य साथियों ने तुरंत उसे वाहन में डाला और किसी तरह पथराव कर रही भीड़ में से सभी वाहनों को वहां से निकाला। राजेंद्र सिंह को उपचार के लिए श्रीनगर स्थित सेना के 92 बेस अस्पताल में दाखिल कराया गया, जहां वह अपने जख्मों की ताव न सहते हुए चल बसा।

शहीद राजेंद्र सिंह को आज बादामी बाग स्थित चिनार कोर मुख्यालय में आयोजित एक भावपूर्ण समारोह में अंतिम श्रद्धांजलि अर्पित की गई। कोर कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल एके बट, राज्य पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह समेत सेना और पुलिस के आलाधिकारियों व जवानों ने शहीद के पार्थिव शरीर पर पुष्पचक और फूल मालाएं भेंट कर उसे अपनी अंतिम श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके बाद तिरंगे में लिपटा शहीद का पार्थिव शरीर पूरे सैन्य सम्मान के साथ उत्तराखंड स्थित बडेना पिथाैरागढ़ में उसके परिजनों के पास भेजा गया।रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता कर्नल राजेश कालिया ने कहा कि अगर सिपाही राजेंद्र सिंह और उनके साथ चाहते तो वह पथराव कर रही भीड़ पर गोली चला सकते थे, लाठियां इस्तेमाल कर सकते थे। लेकिन सभी यही मानकर शांत रहे कि यह अपने ही बच्चे हैं, इन पर गोली चलाना या लाठी चलाना उचित नहीं है। उन्होंने संयम बरता और सिपाही राजेंद्र सिंह शहीद हो गए।