विश्व प्रसिद्ध गंगोत्री धाम के कपाट गोवर्धन पूजा के मौके पर 11 बजकर 45 मिनट पर शीतकालीन के लिए परंपरा अनुसार बंद हो गए। इसके बाद मां गंगा की उत्सव डोली माता के जयकारों के साथ शीतकालीन प्रवास मुखीमठ (मुखबा) के लिए रवाना हुई। शनिवार को भाई दूज के मौके पर मां गंगा की उत्सव डोली अपने मायके मुखबा में पहुंचेगी, जहां अगले 6 महीने तक श्रद्धालु मां गंगा के दर्शन कर सकेंगे।
गंगोत्री धाम के श्री पांच मन्दिर समिति के सचिव सुरेश सेमवाल ने बताया कि शुक्रवार सुबह अमृत बेला से ही वैदिक मंत्रोच्चार के साथ ही मां गंगा की भोग मूर्ति का पूजन-अर्चन शृंगार किया गया। 10 बजे तक माता के निर्वाण दर्शन भक्तों ने किए और ठीक 11 बजकर 45 मिनट पर मुहूर्त अनुसार उत्सव डोली को मार्कण्डेय पूरी के लिए रवाना कर दिया गया। माता की उत्सव डोली का मार्कण्डेय पूरी में स्थित भगवती मन्दिर में रात्रि प्रवास होगा। शनिवार को सुबह माता की उत्सव डोली मुखबा के लिए प्रस्थान करेगी। माता की भोग मूर्ति को मन्दिर के गर्भगृह में स्थापित कर शीतकाल में छह माह तक मुखबा में ही माता विराजमान रहेंगी।