देहरादून/ उत्तरकाशी। वेद पुराणों के मंत्र उच्चारण के बीच गर्मियों के मौसम में यमुना और गंगा की डोली कल यमुनोत्री और गंगोत्री पहुंच जाएंगी। सर्दियों के 6 महीने बंद रहें उत्तराखंड के धार्मिक स्थल चारधाम अब एक बार फिर अपने श्रद्धालुओं के लिए खुल जाऐंगे। गंगोत्री और यमुनोत्री दोनों धाम के कपाट बुधवार को अक्षय तृतीय पर्व पर विधिवत पूजा-अर्चना के बाद श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे। मां यमुना कि डोली अपने शीतकालीन प्रवास खरसाली से बुधवार सुबह शनिदेव की अगुवाई में यमुनोत्री धाम के लिए रवाना होगी। इसी के साथ विश्व प्रसिद्ध चारधाम यात्रा का आगाज हो जाएगा।
बुधवार को चारधाम तय मुहूर्त के अनुसार गंगोत्री धाम के कपाट दोपहर 1:15 बजे तो यमुनोत्री धाम के कपाट दोपहर 12:15 बजे और गंगोत्री धाम के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे। जबकि केदारनाथ धाम के कपाट 29 अप्रैल और 30 अप्रैल को बदरीनाथ धाम के कपाट यात्रियों के लिए खुलेंगे।
यमुनोत्री मंदिर समिति के उपाध्यक्ष बागेश्वर उनियाल ने बताया कि बुधवार को अक्षय तृतीया पर मां यमुना के भाई शनि देव की अगुवाई में मां यमुना को विदा किया जाएगा। पहली बार यमुना की विदाई खरसाली में नवनिर्मित यमुना मंदिर से होगी। इससे पूर्व में यमुना का वास गांव के ही राजराजेश्वरी मंदिर में हुआ करता था।
गंगोत्री मंदिर समिति के सचिव सुरेश सेमवाल ने बताया कि मां गंगा की डोली शीतकालीन प्रवास मुखीमठ (मुखवा) से मंगलवार गंगोत्री धाम के लिए रवाना हो गयी है। बुधवार दोपहर गंगा की डोली गंगोत्री धाम पहुंचेगी। भैरव घाटी में रात का पड़ाव होगा। विधिवत पूजा-अर्चना के बाद वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ दोपहर 1:15 पर गंगोत्री धाम के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे।
आज के बाद लाखों की संख्या में श्रद्धालु देवभूमि उत्तराखंड में अपने परिवार के साथ दस्तक देंगे और चारधाम के दर्शन कर आर्शीवाद लेंगे