मुंबई, भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली ने यहां भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के अध्यक्ष का पदभार संभाल लिया। गांगुली को वार्षिक आम बैठक (एजीएम) के दौरान अध्यक्ष के रूप में चुना गया था जो बीसीसीआई मुख्यालय में आयोजित किया गया था। गृह मंत्री अमित शाह के बेटे जय शाह सचिव और उत्तराखंड के महीम वर्मा नए उपाध्यक्ष हैं। बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष और केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर के छोटे भाई अरुण धूमल कोषाध्यक्ष, जबकि केरल के जयेश जॉर्ज संयुक्त सचिव बने।
गांगुली का कार्यकाल 9 महीने का ही होगा और उन्हें जुलाई में पद छोड़ना होगा, क्योंकि नए संविधान के प्रावधानों के तहत छह साल के कार्यकाल के बाद ‘विश्राम की अवधि’ अनिवार्य है।
बुधवार को बीसीसीआई ने ट्वीट किया, “यह आधिकारिक है, सौरव गांगुली औपचारिक रूप से बीसीसीआई के अध्यक्ष चुने गए।”
प्रशासकों की समिति (सीओए) के सदस्य डायना एडुल्जी ने बीसीसीआई मुख्यालय में अपने आगमन के दौरान संवाददाताओं से कहा, “मैं बहुत खुश हूं कि एक क्रिकेटर अध्यक्ष बनने जा रहा है और मुझे उम्मीद है कि वह इसे महान ऊंचाइयों पर ले जाएगा।”
इसके साथ ही सर्वोच्च न्यायालय द्वारा नियुक्त प्रशासकों की समिति (सीओए) का 33 महीने से चला आ रहा शासन भी खत्म हो गया है।
उल्लेखनीय है कि पदभार संभालते ही गांगुली ने ऐतिहासिक उपलब्धि भी हासिल कर ली। गांगुली 65 साल बाद ऐसे पहले टेस्ट क्रिकेटर हैं, जो बीसीसीआई के अध्यक्ष पद पर काबिज हुए। इससे पहले टेस्ट क्रिकेटर के तौर पर महाराजा कुमार विजयनगरम बीसीसीआई का अध्यक्ष बने थे, जो 1954 से 1956 तक इस पद पर रहे।
हालांकि टेस्ट क्रिकेटर सुनील गावस्कर और शिवलाल यादव भी वर्ष 2014 में इस पद पर रहे, लेकिन ये दोनों ही क्रिकेटर अंतरिम अध्यक्ष रहे थे। इसके बाद एन. श्रीनिवासन के बाद उनकी नियुक्ति हुई थी।