मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने शुक्रवार को यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि राज्य के बजट में हर वर्ग का ख्याल रखा गया है। गैरसैंण राजधानी क्षेत्र के विकास का पूरा खाका तैयार है। इसके विकास के लिए 350 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं। मुख्यमंत्री घस्यारी योजना से लेकर सौभाग्यवती योजना आदि के लिए पहली बार बजट में प्रावधान किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बजट में हमने प्रमुख रूप से चार बातों पर फोकस किया है। इनमें स्वस्थ उत्तराखंड, सुगम उत्तराखंड, स्वावलम्बी उत्तराखंड और सुरक्षित उत्तराखंड। मुख्यमंत्री घस्यारी कल्याण योजना से समाज में बहुत बड़ा परिवर्तन आएगा। धान और गेहूं उत्पादक किसानों को घास प्रजाति की मक्का, जई व बरसीन बोने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। फेयर प्राइज शाॅप के माध्यम से जिलों में घास को पहुंचाया जाएगा। घास बोने और पैकिंग से भी इनकम होगी। इस योजना के लिए पहली बार बजट में 25 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार सौभाग्यवती योजना प्रारंभ करेगी। इसके तहत जच्चा-बच्चा को एक किट दी जाएगी जिसमें बच्चे व मां दोनों के लिए जन्म के समय की आवश्यकता वाली चीजें होंगी। इसका लाभ पहले बच्चे को दिया जाएगा। यह योजना सरकारी कर्मचारियों और टैक्स पेयर को छोड़कर सब पर लागू होगी
मुख्यमंत्री ने कहा कि समाज में महिलाओं की सुरक्षा के दृष्टिगत न्यायवाद के दौरान महिलाओं को आर्थिक सहायता के लिए तीन करोड़ 60 लाख रुपये की व्यवस्था की गई है। राज्य सरकार ने पति की संपत्ति में महिलाओं को सह-खातेदार का अधिकार प्रदान करने का काम किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस योजना से महिलाओं की सामाजिक और आर्थिक स्थिति में बड़ा परिवर्तन आएगा। महिला स्वालंबन की दृष्टि से यह मील का पत्थर साबित होगा। यह आवाज देश में उठेगी और देश को भी इसका लाभ मिलेगा।
उन्होंने कहा कि अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना को लेकर जो परिकल्पना की गई थी आज वह साकार हो रही है। योजना के तहत देशभर के 22 हजार से अधिक अस्पतालों में इलाज किया कराया जा सकता है। सीएम ने कहा कि हमारी सरकार बिजली, पानी, सड़क, स्वास्थ्य के प्रति पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। पलायन रोकने के लिए तमाम योजनाएं चलाई जा रही हैं जबकि अब इसी के परिणाम स्वरूप रिवर्स पलायन भी हो रहा है। प्रदेश में कनेक्टिविटी में लगातार सुधार हो रहा है। विगत चार वर्षों के दौरान प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में 7431 किलोमीटर सड़कों का निर्माण किया गया है जो कि पिछले 116 साल में निर्मित कुल 7529 किलोमीटर से महज 98 किलोमीटर कम है। सरकार ने दशकों से लंबित कई पुुलों एवं सुरंगों का निर्माण कराया है।