गाड़ू घड़ा यात्रा डिम्मर से बदरीनाथ के लिए रवाना

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गाड़ू घड़ा
विधि-विधान और पारंपरिक पूजा अनुष्ठान के साथ गाड़ू घड़ा तेल कलश यात्रा मंगलवार को डिम्मर से बदरीनाथ के लिए रवाना हुई। जोशीमठ- पांडुकेश्वर होते हुए यात्रा 14 मई को बदरीनाथ पहुंचेगी और 15 मई को कपाटोद्घाटन के दौरान तेल कलश गर्भ गृह पहुंचेगा।
6 मई को डिम्मर पहुंचे तेल कलश को खांडू देवता के मंदिर में पूजा-अर्चना करने के बाद गांव के पौराणिक लक्ष्मी नारायण मंदिर में रखा गया था। यहां छह दिनों तक पारंपरिक पूजा अनुष्ठान संपन्न किया गया। मंगलवार को भगवान लक्ष्मी नारायण और तेल कलश की पूजा की गई।इसके बाद तेल कलश यात्रा को डिम्मर गांव से विदा किया गया। यात्रा न्यू डिम्मर होते हुए बगड़, सिमली, पाडली होते हुए कर्णप्रयाग, लंगासू पहुंची। कोरोना संक्रमण के चलते न तो यात्रा कहीं रुकी और न ही लोगों ने दर्शनों के लिए भीड़ लगाई। यह यात्रा मंगलवार को जोशीमठ के नृसिंग मंदिर में रुकने के बाद 13 मई को पांडुकेश्वर पहुंचेगी। 14 मई को यात्रा बदरीनाथ पहुंचेगी। इस दौरान डिम्मर उमट्टा पंचायत के अध्यक्ष आशुतोष डिमरी, अरूण डिमरी, इंदूभूषण डिमरी, राकेश डिमरी, हरीश डिमरी आदि मौजूद थे।
बदरीनाथ धाम के अन्य मंदिरों में पूजा अर्चना के लिए तहसील प्रशासन ने तैयार की योजना
बदरीनाथ मंदिर के कपाट खुलने के साथ धाम में अन्य मंदिरों के में भी विधिवत पूजा-अर्चना को लेकर तहसील प्रशासन की ओर से योजना तैयार कर ली गई है। इसके तहत अब तहसील प्रशासन की ओर से धाम में मौजूद अन्य मंदिरों के पुजारी और कुछ कर्मचारियों को धाम में जाने की अनुमति दी जा रही है।
बदरीनाथ धाम में बदरीनाथ मंदिर परिसर के मंदिरों के साथ ही नंदा मंदिर, उर्वसी मंदिर, घंटाकरर्ण, मात मूर्ति, खाक चौक मंदिर, व्यास गुफा, गणेश गुफा, स्वामी नारायण मंदिर, गीता मंदिर जैसे मंदिर स्थित हैं। ऐसे में धाम में बदरीनाथ मंदिर के कपाट खुलने के साथ ही इन मंदिरों में पूजा अर्चना शुरू हो जाती है। इसे देखते हुए प्रशासन की ओर से अब तहसील प्रशासन ने अन्य मंदिर के पुजारियों व सहयोगियों को धाम में सशर्त जाने की अनुमति देने की योजना बनाई है। ऐसे में मंगलवार को रेड जोन रहे हरिद्वार जिले से प्रशासन से अनुमति के बाद खाक चौक मंदिर के पुजारी सहित 6 लोग बदरीनाथ धाम पहुंच गये हैं। इन्हें तहसील प्रशासन की ओर से मंदिर परिसर में एकांतवास में रहते हुए पूजा-अर्चना करने के निर्देश दिये गये हैं।
चमोली के उप जिलाधिकारी अनिल चन्याल का कहना है कि सरकार द्वारा जारी आदेशों के आधार पर मंदिरों के पुजारी व सेवकों को सशर्त धाम में जाने की अनुमति दी जा रही है। उन्हें एकांतवास के नियमों का पालन करते हुए  धाम में पूजा-अर्चना के कार्य करने की अनुमति है।