संघर्ष बनाम उम्मीद: दून में ग्रेट जेमिनी सर्कस के कलाकार कतरब दिखाने को बेकरार

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the trend of circus going down because of technology
Actors from gemini circus dehradun
देहरादून। सैकड़ों साल पुराना सर्कस इनदिनों कई चुनौतियों का सामना कर रहा है। जिस तरह से मनोरंजन के सभी माध्यमों ने तकनीकी तरक्की कर ली, इधर बदलते दौर में सर्कस आर्थिक कमजोरी और लोगों की उपेक्षा के चलते सर्कस संचालक व सर्कस कर्मियों को आजीविका के लिए कई मुश्किलें उठानी पड़ रही हैं। सर्कस संचालक बताते हैं कि सरकार की अनदेखी और जंगली जानवरों पर प्रतिबंध से सर्कस व्यवसाय को काफी नुकसान पहुंचा है। फिर भी कलाकारों ने उम्मीद का दामन नहीं छोड़ा है। बहरहाल, ग्रेट जेमिनी सर्कस के कलाकार अपने कला का प्रदर्शन करने के लिए बेकरार हैं। उन्हें उम्मीद है कि दूनवासी सर्कस देखकर आंनद उठाएंगे और कलाकारों का हौसला आफजाई करेंगे।
कई देशों के कलाकारों से सजी है सर्कस की कंपनी
राजधानी देहरादून में बुधवार को ग्रेट जेमिनी सर्कस के स्थानीय एरिया मैनेजर श्याम सिंह थापा ने ‘हिन्दुस्थान समाचार’ से मुखातिब होते हुए बताया कि देहरादून के परेड मैदान में गर्मियों की छुट्टियों को ध्यान में रखते हुए पहली बार पचास साल पुराना जेमिनी सकर्स आया है। यह सर्कस पूरे दूनवासियों का पूरे एक महीने तक मनोरंदन करेगा। थापा ने बताया कि सर्कस में आधा दर्जन से अधिक देशों से आए कलाकारों के साथ कुल सौ से अधिक कलाकारों की टीम है, जो अपने करतब से दर्शकों का भरपूर मनोरंजन करेंगे। खासतौर पर बच्चों के लिए विशेष कालाकारों की व्यवस्था की गई है।
ग्रेट जेमिनी सर्कस को याद करने की वजह
ग्रेट जेमिनी सर्कस के थापा ने बताया कि इस सर्कस में सुपरस्टार अभिनेता राजकपूर की सन् 1970 में बनी फिल्म मेरा नाम जोकर का ये गीत राज कपूर पर फिल्माया गया था। उस दौर में भी राज कपूर पर फिल्माए गए इस गीत में सर्कस से जुदा होने का यही दर्द दिखाई देता था, जो आज सर्कस के प्रति बेइंतहा मोहब्बत के कारण बमुश्किल जिंदा रखने वाले सर्कस मालिकों का है।
सर्कस में जंगली जानवारों के इस्तेमाल की इजाजत दे सरकार
श्याम सिंह थापा ने बताया कि जानवरों के प्रति सख्त कानून होने की वजह से सर्कस में ऐसे जानवरों को नहीं लाया जाता है। दर्शक जानवरों के हैरतअंगेज कारनामें देखना चाहते हैं और जब शो के दौरान ऐसा नहीं होता है तो उन्हें निराशा होती है। इसलिए उन्होंने केन्द्र सरकार से कम से कम एक जानवरों को सर्कस में लाने इजाजत चाही है। सरकार की अनदेखी की वजह से इस स्वच्छ मनोरंजन को चलाना बहुत ही मुश्किल होता जा रहा है। सर्कस में काम करने वाले कलाकारों और मालिकों के ऊपर रोजी-रोटी का संकट गहराता जा रहा है। सर्कस में प्रदेश सरकार से पूरा सहयोग मिल रहा है लेकिन सरकार को निमयों में छूट देनी होगी। इससे सर्कस की नायाब कला को बचाया जा सके।
पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय इंदिरा गांधी ने बढ़ाया था सर्कस कलाकारों का हौसला
एक दौर था जब पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय इंदिरा गांधी ने अपने दौर में सर्कस और कलाकारों की कड़ी मेहनत को देख उनको उबराने की कोशिश की थी। उसी समय पूर्व प्रधानमंत्री ने स्वच्छ मनोरंजन कहे जाने वाले इस साधन सर्कस को पूरे देश में टैक्स फ्री कर दिया था। साथ ही यह भी निर्देश जारी किया था कि देश के राज्यों जहां-जहां सर्कस चलेगा, वहां की राज्य सरकारें सहयता मुहैया करायेंगी। अफसोस की समय अपने गति से गुजरता रहा। सरकारें आती-जाती रहीं।
तो…दूनवासी लुटाएंगे अपना प्यार
देश में सर्कस के लिए सहज माहौल और सरकारी सहायता के बगैर कई सर्कस कंपनियां बंद होने के कगार पर पहुंच चुकी हैं। इस मसले पर सरकार और जनप्रतिनिधियों को ध्यान देने की जरूरत है। बहरहाल, ग्रेट जेमिनी सर्कस के कलाकार अपने कला का प्रदर्शन करने के लिए बेकरार हैं। उन्हें उम्मीद है कि दूनवासी सर्कस देखकर आंनद उठाएंगे और कलाकारों का हौसला आफजाई करेंगे।