(मसूरी/देहरादून) पर्यटन के नजरिए से उत्तराखंड दुनियाभर में मशहूर है।वो चाहे ट्रेकिंग,राफ्टिंग,बंजी-जंपिंग या दूसरे कोई भी एडवेंचर हो। लेकिन आज की हमारी कहानी उन लोगों के लिए हैं जिन्हें घोस्ट एडवेंचर पसंद है यानि की जो लोग भूतिया लोकेशन पर जाना पसंद करते हैं।
मसूरी का नाम सुनते ही आपके मन में पहाड़ो की रानी की एक सुंदर प्राकृतिक तस्वीर सामने आती है लेकिन मसूरी में ही लंबी धार माइंस नाम की एक खदान है जो सालों से वीरान है। आज की हमारी कहानी में हम आपको देहरादून से लगभग 40 किलोमीटर दूर होने वाली घोस्ट वॉक के बारे में बताऐंगे। लगभग 6 महीने पहले देहरादून के आसपास रहने वाले तीन युवाओं मोहम्मद शोएब, अभय शर्मा और विकास ने मसूरी के पास लंबी धार माइंस में घोस्ट वॉक की शुरुआत की है। इस घोस्ट वॉक में 1-2 किलोमीटर तक लोगों को लंबी धार माइंस में घुमाया जाता हैं। पिछले 6 महीनों में यह वॉक लगभग 5 बार आयोजित की गई है जिसमें बहुत से युवाओं ने बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया हैं।
इसके बारे में और बात करते हुए घोस्ट वॉक के ऑर्गनाइजर शोएब ने हमें बताया कि “अगर हमारे पास एक ग्रुप में 5 लोग भी होते हैं तो हम यहा घोस्ट वॉक करवाते हैं। इस घोस्ट वॉक को करने के लिए हमारी केवल दो ही शर्ते हैं एक यह कि इसमें भाग लेने वाला डेयरिंग होना चाहिए और दूसरा मेडिकली फिट होना चाहिए बाकि हमारी कोई शर्त नहीं है।”
इस घोस्ट वॉक में भाग लेने के लिए आपको 500 रुपये देने हैं और आप अपने दोस्तों के साथ इसका लुत्फ उठा सकते हैं। इस अमाउंट में आपको घोस्ट वॉक के साथ रिफ्रेशमेंट भी दिया जाएगा।
इस घोस्ट वॉक को शुरु करने के पीछे क्या विचार था इसपर शोएब कहते है कि, “देहरादून और मसूरी के आसपास बहुत सी ऐसी जगह है जो लोगों के लिए एक मिस्ट्री है। हम इसी मिस्ट्री के एक्सपोजर के लिए इस तरह के घोस्ट वॉक का आयोजन करते हैं। आजकल का युवाओं में एडवेंचर के साथ-साथ ऐसी चीजों के प्रति खासा इंट्रेस्ट है इसलिए यह आइडिया युवाओं को ज्यादा पसंद आ रहा है।” शोएब कहते हैं कि, “भविष्य में हम उत्तराखंड के जो क्षेत्र घोस्ट एक्टिविटी और पैरानॉर्मल एक्टिविटी के लिए मशहूर है हम वहां ऐसे घोस्च वॉक ऑर्गनाइड करेंगे और इसके माध्यम से घोस्ट टूरिज्म को प्रमोट करेंगे।”
लंबी धार माइंस के बारे में कुछ और जानकारी
ऐसा माना जाता है कि 90 के दशक में इस खदान में कई हादसे हुए जिनके चलते इस जगह को हॉंटेड की उपाधि मिली है। आज लंबी धार माइंस के आस पास 1500 लोग रहते है और आस-पास एक विराट जंगल है । यहा रहने वाले लोगो का मानना है कि रात को यहा पर लोगों के चीखने चिल्लाने की आवाज़े आती है जिसके कारण कोई भी रात को इस खदान के आस पास भी नहीं भटकता।
(हम किसी भी हालत में अंधविश्वास को बढ़ावा नहीं देते, इस कहानी का मतलब केवल आपको देहरादून के आसपास एक अलग तरह के आर्कषण के बारे में जानकारी देना है।)